सऊदी अरब से एक के बाद एक झटकों की लाइन लग गई है. पहले उमराह के दौरान भारत समेत 14 मुल्कों पर वीज़ा रोक लगाई, फिर उमराह के नाम पर गए लोगों को 29 अप्रैल तक देश छोड़ने का हुक्म थमा दिया. अब नया बवाल मचा है भारत के हज कोटे पर सऊदी सरकार ने भारत के प्राइवेट टूर ऑपरेटरों के जरिए जाने वाले हज यात्रियों के कोटे में अचानक 80% की कटौती कर दी है. इसका मतलब, करीब 52,000 लोगों का हज का सपना टूट गया.अब सवाल ये है कि सऊदी अरब ने ऐसा अचानक क्यों किया? क्या भारत सरकार से कोई चूक हुई? क्या सऊदी सरकार का कोई नया नियम आया है? या फिर ये किसी तकनीकी वजह से हुआ? चलिए आपको तफसील में बताते है आखिर माजरा क्या है?.
क्या है हज कोटे का खेल?
दरअसल भारत को हर साल सऊदी अरब की सरकार एक तयशुदा संख्या में हज यात्रियों का कोटा देती है. 2025 के लिए भारत को कुल 1 लाख 75 हजार 25 हजयात्रियों का कोटा मिला था. इसमें से 70% यानी करीब 1 लाख 22 हजार 500 हज कमिटी ऑफ इंडिया के ज़रिए और बाकी 30% यानी करीब 52 हजार 500 प्राइवेट टूर ऑपरेटरों के ज़रिए से भेजे जाने थे. मगर अचानक खबर आई कि प्राइवेट टूर ऑपरेटरों को मिलने वाले इन 52,000 स्लॉट्स में भारी कटौती कर दी गई है. ये फैसला ऐसे वक्त में आया जब लोगों ने पहले ही लाखों रुपये एडवांस में जमा कर दिए थे. फ्लाइट्स, होटल, डॉक्युमेंटेशन सब तैयार था.
हजयात्रियोंकी हालत: आंखों में आंसू, दिल में सवाल
अब सोचिए, जो लोग सालों से ख्वाब देख रहे थे, जिन्होंने खून पसीने की कमाई से पैसा जोड़ा था, उन्हें जब ये पता चला कि उनका नाम अब लिस्ट में नहीं है, तो उन पर क्या बीती होगी?. दिल्ली, लखनऊ, हैदराबाद, भोपाल, कोलकाता जैसे शहरों में हजारों ऐसे बुजुर्ग और महिलाएं हैं, जो इस साल हज पर जाने के लिए बेताब थे. कईयों ने तो इस बार को अपना “आखिरी मौका” कहा था, क्योंकि उम्र और बीमारी उन्हें अगली बार शायद हिम्मत नहीं देगी.
सियासी हलचल: एक सुर में विपक्ष
वहीं इस मसले ने सियासी गलियारों में भी हलचल मचा दी. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सबसे पहले सोशल मीडिया पर खुलकर चिंता जताई. उन्होंने अपने एक्स पर लिखा है, “52,000 से ज़्यादा भारतीय हजयात्रियों के हज स्लॉट रद्द किए जाने की ख़बरें काफ़ी चिंताजनक हैं, जिनमें से कई ने पहले ही भुगतान पूरा कर लिया है. मैं माननीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से आग्रह करता हूँ कि वे सभी प्रभावित तीर्थयात्रियों के हित में जल्द से जल्द सऊदी अधिकारियों से संपर्क करें.”
उमर ने प्रधानमंत्री मोदी से भी अपील की कि वो इस मुद्दे को सऊदी सरकार के सामने रखें ताकि भविष्य में भारतीय हज यात्रियों के कोटे में कोई कटौती न हो.
दूसरी ओर, पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी तीखा बयान दिया: “सऊदी अरब से परेशान करने वाली खबर आ रही है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारत के निजी हज कोटे में से 80% में अचानक कटौती कर दी गई है. इस अचानक फैसले से देश भर के हजयात्रियों और टूर ऑपरेटरों को भारी परेशानी हो रही है.”
उन्होंने विदेश मंत्रालय से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की.
हालांकि सरकार की दखलअंदाज़ी के चलते अब सऊदी अरब के हज मंत्रालय ने हज पोर्टल को दोबारा खोलने की इजाज़त दे दी है, लेकिन ये छूट सिर्फ़ Combined Haj Group Operators यानी साझा हज ग्रुप ऑपरेटरों को दी गई है. अब इनके ज़रिए 10,000 और भारतीय हाजी हज पर जा सकेंगे, बशर्ते कि मिना (Mina) में जगह उपलब्ध हो. अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय (MoMA) ने Combined Haj Group Operators को सख्त हिदायत दी है कि वो बिना किसी देरी के पूरा प्रोसेस जल्दी से निपटाएं, वरना मौका हाथ से निकल सकता है.
सरकार ने साथ ही ये भी कहा है कि अगर सऊदी हुकूमत और रियायत देती है, तो भारत उसके इस कदम की क़दर करेगा और शुक्रगुज़ार रहेगा. जिन प्राइवेट टूर ऑपरेटरों ने यात्रियों से एडवांस लिया, होटल बुक किए, टिकट कराए—उनके लिए ये फैसला एक बड़ा झटका है. देश के मुसलमानों में भी इस पूरे मामले को लेकर जबरदस्त नाराज़गी है.