आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता दुर्गेश पाठक के घर पर गुरुवार यानी आज CBI ने छापा मारा. ये कार्रवाई विदेशी चंदा कानून (FCRA) के उल्लंघन से जुड़े एक मामले में हुई है. CBI ने इस मामले में बुधवार को केस दर्ज किया था.
पार्टी का आरोप क्या है?
AAP ने इस रेड की कड़ी निंदा की है. पार्टी का कहना है कि जैसे ही दुर्गेश पाठक को 2027 गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी का सह-प्रभारी बनाया गया, वैसे ही बीजेपी डर गई और बदले की भावना से यह रेड करवाई. AAP नेताओं का दावा है कि गुजरात में बीजेपी को चुनौती देने की ताकत सिर्फ AAP में है, और इसी डर की वजह से केंद्र सरकार CBI का दुरुपयोग कर रही है.
नेताओं की प्रतिक्रियाएं:
आतिशी (पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष) ने कहा कि जैसे ही हमने गुजरात में तैयारियां शुरू कीं, वैसे ही दुर्गेश पाठक के घर CBI भेज दी गई. इससे साफ है कि बीजेपी डरी हुई है.
मनीष सिसोदिया (पूर्व डिप्टी सीएम दिल्ली) ने कहा कि यह छापा कोई इत्तेफाक नहीं, बल्कि डर की साजिश है.
संजय सिंह (AAP सांसद) ने भी कहा कि बीजेपी विपक्ष को डराने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है.
दुर्गेश पाठक कौन हैं?
दुर्गेश पाठक AAP के बड़े नेता हैं.
पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) और नेशनल एग्जीक्यूटिव के सदस्य हैं.
दिल्ली और पंजाब में AAP का संगठन बढ़ाने में उनकी बड़ी भूमिका रही है.
2020 में करावल नगर से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे.
2022 में राजेंद्र नगर उपचुनाव जीतकर विधायक बने.
2025 लोकसभा चुनाव में भी लड़े थे लेकिन बीजेपी से हार गए थे.
दुर्गेश पाठक का नाम दिल्ली शराब घोटाले की CBI चार्जशीट में भी आया था, लेकिन अभी उनके खिलाफ कोई सजा नहीं हुई है.