22 अप्रैल को पहलगाम हमला हुआ. जिसमें करीब 26 लोगों की जान चली गई। इस हमले के बाद से सोशल मीडिया पर नफरत भरी पोस्ट की बाढ़ सी आ गई है। कुछ लोग सोशल मीडिया पर मुसलमानों और कश्मीरियों के खिलाफ अपनी नफरत दिखा रहे हैं। इनसे साफ पता चल रहा है कि इस वक्त देश में मुसलमानों का कैसे बहिष्कार किया जा रहा है। मुसलमानों का देश भर में विरोध किया जा रहा है। पहले कुछ घटनाओं पर नजर डालिए जो मुसलमानों के साथ हुई।
उत्तराखंड
उत्तराखंड के देहरादून में हिंदू रक्षा दल के एक नेता ने कश्मीरी मुसलमानों को शहर छोड़ने की धमकी दी थी इसके अलावा एक ऐसी भी वीडियो सामने आई जिसमें कहा गया कि अगर कोई कश्मीरी हमें यहां पर दिखा तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा। वीडियो साफ देखा जा सकता है कि कुछ लोग कैसे दो कश्मीरी काम करने वालों को मार रहे हैं और उन्हें गालियां बक रहे हैं।
आगरा
इसके अलावा आगरा में एक मुस्लिम व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, और हमलावरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर हमले की जिम्मेदारी ली और मुसलमानों को धमकी दी।
पंजाब:
- जालंधर: कश्मीरी छात्रों को इस्लामोफोबिक गालियां दी गईं और उनसे उनकी पहचान पूछी गई।
- मोहाली: कश्मीरी छात्राओं ने आरोप लगाया कि स्थानीय लोगों ने उनके साथ बदतमीजी की, उन्हें आतंकवादी कहा और हमला किया।
जम्मू:
- जनिपुर: कश्मीरी छात्रों को भीड़ द्वारा पीटा गया और उनके खिलाफ नारे लगाए गए।
महाराष्ट्र:
- मुंबई: मुस्लिम फेरीवालों के साथ मारपीट और गाली-गलौज की खबरें आईं।
पश्चिम बंगाल:
पश्चिम बंगाल में बिधान चंद्र कृषि यूनिवर्सिटी में कुछ पोस्टर लगाए गए. जिसपर लिखा था, “कुत्ते और मुसलमानों को अंदर आने की इजाजत नहीं है. सबकी नज़रें पहलगाम पर हैं और आतंकवाद का मतलब इस्लाम है.”कुछ हिंदूवादी संगठन इस घटना का इस्तेमाल कश्मीरी मुसलमानों और मुसलमानों के खिलाफ कर रहे हैं. जिससे और ज्यादा नफरत फैलाई जा सके.
कैसे फैलाई जा रही मुसलमानों के खिलाफ नफरत
ये कुछ मामले हैं जिनका जिक्र हमने यहां पर किया है. ऐसे हजारों मामले सोशल मीडिया पर तैर रहे हैं. हालांकि मुसलमानों को नीचा दिखाने के लिए अलग अलग तरीके का इस्तेमाल किया जा रहा है. जैसे मुसलमानों और कश्मीरियों के खिलाफ नफरत भरे वीडियो और गाने खूब ट्रेंड कर रहे हैं। कुछ नेताओं के जरिए ऐसे भाषण दिए जा रहे हैं कि मुसलमानों के खिलाफ हर किसी के दिल में नफरत भर जाए।
हेट स्पीच वाले गाने: कुछ ऐसे गाने बनाए और फैलाए जा रहे हैं जिनमें मुसलमानों को “गद्दार” कहा जा रहा है और हिंदुओं को उनसे खतरा बताया जा रहा है। इन गानों में हिंसा और बहिष्कार की बातें भी कही जा रही हैं।
मीडिया में पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग: कुछ टीवी चैनल और न्यूज़ वेबसाइटें ऐसी खबरें दिखा रही हैं जिससे मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाई जा सके। वे टेरिस्ट को “इस्लामी आतंकवादी” जैसे शब्दों से का इस्तेमाल कर रहे हैं. या ऐसी डिबेट कराई जा रही है जिनमें मुसलमानों को बुरा दिखाया जा रहा है।
ऑनलाइन ट्रोलिंग: सोशल मीडिया पर मुसलमानों को ट्रोल किया जा रहा है, उन्हें धमकियां दी जा रही हैं और उनके खिलाफ गंदी भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है।
गलत नैरेटिव बनाना: एक गलत नैरेटिव सेट किया जा रहा है कि हमलावरों ने जानबूझकर हिंदू टूरिस्ट को निशाना बनाया, जबकि एक मुस्लिम कश्मीरी की भी इस हमले में जान गई। हालांकि इस रियलिटी को अनदेखा कर दिया जा रहा है ताकि नफरत को बढ़ावा मिले।
आर्थिक बहिष्कार की बातें: कुछ लोग कह रहे हैं कि मुसलमानों के जो भी काम-धंधे या दुकानें हैं, उनसे सामान नहीं खरीदना चाहिए। वे लोगों से अपील कर रहे हैं कि मुसलमानों के साथ कोई काम न करें।
ये सब देखकर लगता है कि हमारे देश में मुसलमानों के लिए नफरत बहुत तेज़ी से बढ़ रही है। पहले से ही लोगों के मन में मुसलमानों के बारे में कुछ बातें बैठी हुई थीं, लेकिन इस हमले के बाद तो कुछ लोगों को जैसे खुली छूट मिल गई है कि वे कुछ भी कर सकते हैं। अभी मुसलमानों के साथ जो भी हो रहा है, उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। इससे मुसलमानों के मन में डर बैठ रहा है।