वॉट्सऐप को एक बड़ी कानूनी जीत मिली है, जिसमें उसे पेगासस स्पाइवेयर मामले में करीब 1,400 करोड़ रुपये (167 मिलियन डॉलर) का हर्जाना मिला है। यह फैसला अमेरिका की एक अदालत ने दिया, जिससे वॉट्सऐप और इसके पैरेंट कंपनी मेटा की छह साल पुरानी कानूनी लड़ाई का अंत हो गया।
क्या है मामला?
यह पूरा मामला इज़राइल स्थित एनएसओ ग्रुप और उसके कुख्यात स्पाइवेयर पेगासस से जुड़ा है। साल 2019 में मेटा ने आरोप लगाया था कि एनएसओ ग्रुप ने वॉट्सऐप के जरिये करीब 1,400 पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अन्य यूजर्स के डिवाइसेज़ को टारगेट किया। मेटा ने इस घटना को “बेहद उन्नत साइबर हमला (Highly Sophisticated Cyber Attack)” बताया था, जिसमें वीडियो कॉल के माध्यम से स्पाइवेयर को यूज़र के फोन में डाला गया — भले ही यूज़र ने कॉल रिसीव भी न किया हो।
कोर्ट का फैसला
यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, कैलिफोर्निया की जज फिलिस हैमिल्टन ने दिसंबर में फैसला सुनाया कि एनएसओ ग्रुप ने वॉट्सऐप इंस्टॉल किए गए डिवाइसेज़ पर हमला करने के लिए यूएस कंप्यूटर फ्रॉड एंड एब्यूज एक्ट का उल्लंघन किया है।
इसके बाद हाल ही में हुई जूरी ट्रायल में जूरी ने NSO ग्रुप को कुल $167,698,719 (लगभग 1,414.85 करोड़ रुपये) का हर्जाना अदा करने का आदेश दिया। इसमें:
- $444,719 (लगभग 3 करोड़ रुपये) प्रतिपूरक हर्जाना
- $167,254,000 (लगभग 1,411.85 करोड़ रुपये) दंडात्मक हर्जाना शामिल है।
क्या कहा मेटा ने?
मेटा ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह यूज़र्स की निजता और सुरक्षा के लिए एक बड़ी जीत है और भविष्य में इस तरह के साइबर हमलों के खिलाफ एक सख्त संदेश भेजता है।