उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में गौरक्षा के नाम पर चार मुस्लिम मीट व्यापारियों को बेरहमी से पीटा गया. इस मामले में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान लवकुश, विजय और विजय कुमार गुप्ता के तौर पर हुई है. इन पर आरोप है कि इन्होंने 24 मई को हरदुआगंज थाना क्षेत्र के अलहदादपुर इलाके में चार मुस्लिम व्यापारियों को गौकशी के शक में बुरी तरह पीटा और उनके पिकअप ट्रक को भी आग के हवाले कर दिया. इस हमले में दो व्यापारियों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिनका इलाज चल रहा है.
इस घटना शुक्रवार, 24 मई को हुई. उस समय कुछ लोग, खुद को गौरक्षक बताते हैं. उन्होंने मुस्लिम मीट व्यापारियों के एक समूह को रोका. इन लोगों ने व्यापारियों पर आरोप लगाया कि वे मांस ले जा रहे हैं. बिना किसी जानकारी के, उन्होंने हमला कर दिया. उन्होंने न सिर्फ व्यापारियों को बुरी तरह पीटा, बल्कि उनकी गाड़ी भी जला दी. जिससे पूरे इलाके में तनाव फैल गया.
हालांकि, पुलिस की जांच में यह साफ हो गया है कि जिन मुस्लिम युवकों पर हमला किया गया, वे असली मीट व्यापारी थे और उनके पास लाइसेंस भी था. उनके पास मांस बेचने का वैध लाइसेंस था और वे अल-तबारक मीट फैक्ट्री से मांस ला रहे थे, जिसकी रसीद भी उनके पास थी. इसके बावजूद, लोगों के आरोपों के आधार पर, मुस्लिम व्यापारियों को पीटा गया, उनके खिलाफ भी एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है. उनके पास से मिले मांस के सैंपल को जांच के लिए मथुरा की एक लैब में भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट का इंतजार है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए, अलीगढ़ के एसपी ग्रामीण अमृत जैन ने घटना की पुष्टि की है. उन्होंने बताया, “मुस्लिम व्यापारियों के साथ हुई मारपीट के मामले में केस दर्ज कर लिया गया है. तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है. सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.”
इंडिया टुडे से जुड़े अकरम खान की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले के पीछे पैसे वसूलने का दबाव एक बड़ा कारण हो सकता है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि आरोपी कथित तौर पर इन मुस्लिम व्यापारियों पर लंबे समय से पैसे वसूलने का दबाव बना रहे थे. घटना वाले दिन भी पहले तो उनकी गाड़ी का पीछा किया गया और फिर पूरी योजना के साथ उन पर हमला किया गया. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अगर पुलिस समय पर नहीं पहुंचती, तो पीड़ितों की जान भी जा सकती थी. पुलिस ने तेजी दिखाते हुए घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया, जिससे उनकी जान बच सकी.
इस घटना के तुरंत बाद, 24 मई को ही पुलिस ने मुस्लिम व्यापारियों पर हमला करने वालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की सात गंभीर धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की. जिन व्यापारियों को बेरहमी से पीटा गया, उनमें कदीम, अली और अरबाज सहित चार लोग शामिल थे. जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि यह हमला एक गहरी साजिश और पूरी प्लानिंग के साथ किया गया था.
शिकायतकर्ता ने एक और चौंकाने वाला आरोप लगाया है कि लगभग 15 दिन पहले भी इसी तरह की एक घटना हुई थी. कुछ गुंडों और अपराधियों ने पैसे वसूलने के मकसद से अलीगढ़ की अल-अंबर मीट फैक्ट्री से अतरौली मीट ले जा रही एक और गाड़ी को रोका था. उस समय इन लोगों ने 50 हजार रुपये की वसूली की मांग की थी. हालांकि, उस घटना में भी थाना अकराबाद की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मीट व्यापारियों की गाड़ी को छुड़वाया था. यह दिखाता है कि यह कोई अकेली घटना नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक संगठित गिरोह है जो मीट व्यापारियों से गैरकानूनी तरीके से पैसे वसूलने में शामिल है. पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है ताकि ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके.