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पैग़ंबर मोहम्मद साहब पर विवादित टिप्पणी करने वाली शर्मिष्ठा पनोली को कोलकाता पुलिस ने गुरुग्राम से किया गिरफ्तार

7 मई 2025 को भारतीय सेना द्वारा लॉन्च किया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पूरे देश में राष्ट्रीय गर्व और देशभक्ति की लहर लेकर आया। ये सैन्य कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें सुरक्षाबलों को निशाना बनाया गया था। भारत ने इस ऑपरेशन के तहत पाक अधिकृत कश्मीर (PoJK) और पाकिस्तान की सीमा के भीतर मौजूद आतंकी ठिकानों को सटीक हमलों में तबाह किया।

इस ऑपरेशन को लेकर सोशल मीडिया पर देशभर में जबरदस्त समर्थन और भावनात्मक प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। लेकिन इस देशभक्ति के माहौल के बीच एक लॉ स्टूडेंट शर्मिष्ठा पनोली की इंस्टाग्राम पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी ने बवाल खड़ा कर दिया।

क्या है मामला?

पुणे की रहने वाली शर्मिष्ठा पनोली, जो कानून की छात्रा हैं, ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया था। कोलकाता पुलिस के अनुसार, उस वीडियो में एक विशेष धर्म को लेकर आपत्तिजनक और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था, जो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला माना गया।

हालांकि विवाद बढ़ने के बाद पनोली ने वीडियो हटा दिया, लेकिन तब तक वह वायरल हो चुका था और देश के कई हिस्सों से इसके खिलाफ आलोचनाएं और शिकायतें दर्ज हो चुकी थीं।

FIR और गिरफ्तारी की प्रक्रिया

इस वीडियो के खिलाफ सबसे पहले शिकायत कोलकाता के एक पुलिस थाने में दर्ज की गई। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, वीडियो में प्रयुक्त भाषा न केवल भड़काऊ थी बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली भी मानी गई। इसके बाद कोलकाता पुलिस ने FIR दर्ज की और मामले की तफ्तीश शुरू की।

सूत्रों के अनुसार, पनोली और उनके परिवार को कई बार कानूनी नोटिस भेजे गए, लेकिन पुलिस का कहना है कि वे जानबूझकर गैरहाज़िर रहे और फरार हो गए। इसके बाद कोलकाता पुलिस ने अदालत से गिरफ्तारी वारंट हासिल किया और शुक्रवार रात गुरुग्राम से शर्मिष्ठा पनोली को गिरफ्तार कर लिया।

पनोली का बयान: माफ़ी और सफाई

गिरफ्तारी से पहले शर्मिष्ठा पनोली ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने बिना शर्त माफ़ी मांगी। उन्होंने लिखा, “मैं यहां पर बिना शर्त माफ़ी मांगती हूं। जो भी पोस्ट किए गए, वे मेरे व्यक्तिगत विचार थे और मेरा उद्देश्य किसी को आहत करना नहीं था। अगर किसी को ठेस पहुंची हो तो उसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं। आगे से मैं अपने सार्वजनिक पोस्ट में पूरी सावधानी बरतूंगी। कृपया मेरी माफ़ी को स्वीकार करें।” हालांकि, उनकी यह माफ़ी सोशल मीडिया के गुस्से को कम नहीं कर पाई। कई लोगों ने इस माफ़ी को “बहानेबाज़ी” बताया, वहीं कुछ वर्गों ने गिरफ्तारी को अनुचित और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन बताया।

कानूनी दृष्टिकोण: किन धाराओं में केस दर्ज हुआ?

पुलिस सूत्रों के अनुसार, पनोली पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की उन धाराओं में केस दर्ज किया गया है जो धार्मिक भावनाएं भड़काने, सांप्रदायिक नफ़रत फैलाने और साइबर अपराध से जुड़ी हैं। इनमें मुख्यतः निम्नलिखित धाराएं शामिल हो सकती हैं:

IPC धारा 153A: धर्म, जाति, जन्म स्थान आदि के आधार पर वैमनस्य फैलाना।

IPC धारा 295A: किसी धर्म या धार्मिक आस्था का अपमान करने का इरादा।

आईटी एक्ट की धारा 67: आपत्तिजनक सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रसारित करना।

अगर इन धाराओं में दोष सिद्ध होता है, तो 3 से 5 साल तक की सज़ा और जुर्माना भी लग सकता है।

क्या शर्मिष्ठा पनोली अकेली हैं?

बीते कुछ महीनों में देखा गया है कि ऑपरेशन सिंदूर और अन्य देशहित के मुद्दों पर कुछ लोग सोशल मीडिया पर भड़काऊ या संवेदनशील टिप्पणियां कर रहे हैं। कई मामलों में एफआईआर दर्ज हुई हैं और लोगों को समाज में नफ़रत फैलाने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया है।

पनोली की गिरफ्तारी भी इस चलन की कड़ी चेतावनी के रूप में देखी जा रही है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अब सुरक्षित पनाहगाह नहीं रह गए हैं, जहां आप जो चाहे वो बोल सकें।

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