अमेरिका की मशहूर यूनिवर्सिटी MIT (मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) में पढ़ने वाली भारतीय मूल की छात्रा मेघा वेमुरी को ग्रेजुएशन सेरेमनी में बोलने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उनकी डिग्री समारोह में शामिल होने से रोक दिया। इस फैसले के खिलाफ MIT के छात्रों और “MIT Coalition Against Apartheid” नाम के छात्र समूह ने कड़ा विरोध जताया है।
सेरेमनी में भाग लेने से रोका
मेघा वेमुरी ने अपने भाषण में फिलिस्तीन के समर्थन में बात की थी और MIT से मांग की थी कि वह इज़रायली रक्षा मंत्रालय (IMOD) के साथ अपने सैन्य समझौते बंद करे। उनके इस भाषण के बाद ही अगली सुबह उन्हें ग्रेजुएशन सेरेमनी में भाग लेने से रोक दिया गया।
छात्र समूह का कहना है कि, “मेघा पर इस तरह की कार्रवाई दिखाती है कि जो छात्र फिलिस्तीन के समर्थन में बोलते हैं, उन्हें चुप कराने की कोशिश की जाती है। MIT पर इज़रायल के साथ अपने सैन्य रिश्ते खत्म करने का दबाव बढ़ रहा है।”
यूनिवर्सिटी दोहरा मापदंड अपना रही
छात्रों ने बताया कि MIT फिलहाल IMOD से AI तकनीक से लैस घातक ड्रोन प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग ले रहा है। इसी बात पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी दोहरा मापदंड अपना रही है।
छात्रों ने वादे को बताया खोखला
हैरानी की बात ये है कि मेघा ने कुछ दिन पहले ही MIT की प्रेसिडेंट सैली कोर्नब्लुथ और चेयरमैन मार्क गोरेनबर्ग के साथ मंच साझा किया था, जहां प्रेसिडेंट ने कहा था, “MIT में हम अभिव्यक्ति की आज़ादी को महत्व देते हैं।” छात्रों ने इस वादे को “खोखला” बताया क्योंकि अगले ही दिन उन्हीं अधिकारियों ने मेघा को समारोह से बाहर कर दिया।