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ईरानी मिसाइलों से अस्पताल पर हमला, इसराइल का जवाब – अब ख़ामेनेई को बख़्शा नहीं जाएगा

पश्चिम एशिया में तनाव भड़का हुआ है। इस बार आग की चिंगारी बनी है ईरान की ओर से दागी गई मिसाइलें, जिनमें से एक इसराइल के एक नागरिक अस्पताल पर गिर गई। इस हमले के तुरंत बाद इसराइल ने ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई को खुली चेतावनी दी और कहा, “अब उन्हें बचने नहीं दिया जाएगा।”

हमला और नुकसान

इसराइल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि यह हमला दक्षिणी इसराइल के एक अस्पताल पर हुआ जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और कई घायल हैं। अस्पताल के कुछ हिस्से जल गए और इमरजेंसी सेवाओं में रुकावट आ गई। घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि हमला रविवार देर रात को हुआ, जब ज़्यादातर मरीज सो रहे थे।

इसराइल की तीखी प्रतिक्रिया

हमले के कुछ ही घंटों बाद, इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कड़ा बयान जारी करते हुए कहा, “यह हमला केवल ईरान की आक्रामकता नहीं, बल्कि उनके नेता ख़ामेनेई की सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। हम अब चुप नहीं बैठेंगे। ईरान को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।”

नेतन्याहू ने यह भी इशारा किया कि इस हमले के बाद, इसराइल की सेना ‘सीधा एक्शन’ लेने को तैयार है। इसराइल की कैबिनेट ने इमरजेंसी बैठक कर संभावित सैन्य विकल्पों पर चर्चा शुरू कर दी है।

ईरान की सफाई

दूसरी ओर, ईरान ने इस हमले को ‘आत्मरक्षा’ करार दिया है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि उनका निशाना इसराइल के सैन्य ठिकाने थे, न कि कोई नागरिक अस्पताल। लेकिन इसराइली सेना ने सबूतों के साथ दावा किया है कि हमला जानबूझकर अस्पताल पर किया गया।

ईरान के सर्वोच्च नेता अली ख़ामेनेई ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में लिखा  “अगर दुश्मन को यह लगने लगे कि आप उनसे डरते हैं, तो वे आपको कभी नहीं छोड़ेंगे। हमारा रास्ता वही रहेगा, जो अब तक रहा है।”

तनाव और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। अमेरिका और फ्रांस ने भी चिंता जताई है कि इसराइल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव पूरे क्षेत्र को युद्ध में झोंक सकता है।

इस बीच, इस्लामिक देशों की प्रतिक्रिया बेहद सीमित रही है। सऊदी अरब और तुर्की जैसे देश अब तक कोई सख्त बयान नहीं दे पाए हैं। जानकार मानते हैं कि मुस्लिम देशों की आपसी फूट और अलग-अलग राजनीतिक एजेंडा ईरान के लिए समर्थन जुटाने में बड़ी बाधा बन रहा है।

क्या होगा आगे?

विश्लेषकों का मानना है कि अगर इस बार इसराइल ने ख़ामेनेई को निशाना बनाने की कोशिश की, तो यह एक बड़ी लड़ाई की शुरुआत हो सकती है। वहीं, ईरान पहले ही कह चुका है कि वह किसी भी हमले का जवाब “पूरी ताक़त” से देगा।फिलहाल हालात बेहद गंभीर हैं। दोनों देश अब युद्ध की कगार पर खड़े हैं।

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