इज़राइल की सेना ने रविवार को बताया कि गाज़ा में लगातार हिंसा और महीनों की लड़ाई से मानसिक रूप से टूट चुके तीन सैनिकों को लड़ाई में लौटने से इनकार करने पर बर्खास्त कर दिया गया और जेल भेज दिया गया है।रिपोर्ट के मुताबिक, नहाल की 931वीं बटालियन के चार सैनिकों ने गाज़ा में फिर से प्रवेश करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे “गहरे मानसिक संकट” और “आंतरिक उथल-पुथल” से गुजर रहे हैं।
सेना ने बताया कि तीन सैनिकों को कॉम्बैट ड्यूटी से हटा दिया गया और 7 से 12 दिनों की सैन्य जेल की सजा सुनाई गई। चौथे सैनिक का फैसला फिलहाल लंबित है।हालांकि, सेना के मानसिक स्वास्थ्य अधिकारी ने चारों सैनिकों को “लड़ाई के लिए फिट” माना था। इज़रायली सेना ने बयान में कहा, “अनुशासनात्मक प्रक्रिया के बाद जब इन सैनिकों ने अपने इनकार पर अड़े रहे, तो उन्हें सैन्य जेल भेजा गया। मामला संवेदनशीलता और आदेशों के अनुसार निपटाया गया।”
कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इनमें से एक वरिष्ठ सैनिक, जिसने 7 अक्टूबर से अब तक 270 से ज्यादा दिन लड़ाई में बिताए, ने खुलेआम चल रहे हमलों की आलोचना की। उसने कहा कि “फिलिस्तीनियों की सामूहिक हत्याओं” और “बंधकों की रिहाई के लिए सरकार की नाकामी” ने उसे यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया।
इज़रायली सेना के आंकड़ों के मुताबिक, युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 895 सैनिक मारे गए हैं और 6,134 घायल हुए हैं। लेकिन सेना पर यह आरोप लग रहा है कि वह असली आंकड़ों को छुपा रही है।तेल अवीव यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि गाज़ा युद्ध में शामिल होने के बाद इज़रायली सैनिकों में पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) के मामलों में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।