गाजा के दक्षिणी शहर रफ़ा में मंगलवार को खाना के लिए एक साथ काफी सारे लोग जमा हुए और एक दम से भगदड़ मच गई इस हादसे में 3 लोग मर गए, 46 घायल हो गए और 7 लोग लापता हैं। अल जज़ीरा की खबर के मुताबिक, यह भगदड़ तब हुई जब इसराइली सैनिकों ने हवा में गोलियाँ चलाईं। वहीं, इसराइली सेना का कहना है कि उनके सैनिकों ने भीड़ को काबू में करने के लिए चेतावनी के तौर पर गोलियाँ चलाई थीं।इस पूरी घटना को लेकर गाजा की सरकारी मीडिया ने कहा है कि रफ़ा में जो कुछ भी हुआ, वह जानबूझकर की गई हत्या और एक बड़ा युद्ध अपराध है।
गाजा में बांटा जा रहा खाना
गाजा में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) नहीं, बल्कि एक अमेरिकी एजेंसी खाना बाँटेगी। यह मदद फिलहाल एक हफ्ते के लिए होगी। इस दौरान इसराइल गाजा में खाना बाँटने के लिए नए केंद्र बनाएगा, जिन पर इसराइली सेना नज़र रखेगी और जिन्हें अमेरिकी कंपनियाँ चलाएंगी। गाजा के लोगों को गाजा ह्यूमैनिटेरियन फ़ाउंडेशन (जीएचएफ़) के ज़रिए मदद मिलेगी। हालाँकि, कई मदद करने वाली संस्थाओं ने इस योजना की आलोचना की है। उनका कहना है कि यह लोगों के अधिकारों के ख़िलाफ़ है।
जीएचएफ़ स्विट्जरलैंड में रजिस्टर्ड है और इसे अमेरिका के एक पूर्व सैनिक, जेक वुड्स चलाते हैं। यूएन का कहना है कि वह जीएचएफ़ के साथ काम नहीं करेगा क्योंकि यह निष्पक्ष नहीं है।
जीएचएफ़ ग़ज़ा में 4 केंद्र खोलने की तैयारी में है, जबकि यूएन के पूरे ग़ज़ा में 400 केंद्र हैं। अगर जीएचएफ़ से खाना मिलता है, तो बहुत कम लोगों तक ही मदद पहुँच पाएगी।
ग़ज़ा में खाने की किल्लत, लड़ाई रोकने पर अभी शक
ग़ज़ा में लोगों को खाने की बहुत परेशानी हो रही है। यूएन और दूसरी संस्थाओं के पास जो खाना था, वो पिछले ढाई महीने में खत्म हो गया है, जिससे वहाँ भूखमरी का डर है। इसलिए अमेरिका जैसे देशों ने इसराइल से कहा कि मदद भेजो। फिर नेतन्याहू ने कहा कि ग़ज़ा में ज़रूरी सामान फिर से भेजना होगा ताकि वहाँ भूख से ज़्यादा दिक्कत न हो, नहीं तो हमास के खिलाफ जो लड़ाई चल रही है, उस पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसराइल देखेगा कि मदद सिर्फ ज़रूरतमंदों को मिले, हमास को नहीं।
उधर, हमास ने कहा है कि वो अमेरिका के एक प्रस्ताव पर लड़ाई रोकने को तैयार हैं। इस प्रस्ताव में है कि हमास 10 इसराइली बंधकों को छोड़ेगा और 70 दिन तक लड़ाई बंद रहेगी। साथ ही, इसराइल भी कुछ फ़लस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा। लेकिन इसराइल ने अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा है। पहले भी जनवरी में लड़ाई रुकी थी, पर इसराइल ने उसे दो महीने बाद फिर से शुरू कर दिया था। इसलिए अभी यह कहना मुश्किल है कि इस बार लड़ाई रुकेगी या नहीं, जबकि ग़ज़ा के लोगों को खाने की बहुत ज़रूरत है।
एक हफ्ते में 500 से ज़्यादा मौतें, गहरा मानवीय संकट
ग़ज़ा के सरकारी दफ़्तर ने कहा है कि इसराइल ने ग़ज़ा के 77% भाग पर कब्ज़ा कर लिया है। उन्होंने इसराइल पर लोगों को मारने का आरोप लगाया और यूएन से मदद माँगी है। उनका कहना है कि इसराइली सेना ने उत्तरी और दक्षिणी ग़ज़ा के बड़े हिस्से पर अपना नियंत्रण कर लिया है।
खबर के अनुसार, पिछले एक हफ्ते में इसराइली हमलों में 500 से ज़्यादा फ़लस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें बच्चे और औरतें भी शामिल हैं। इसराइल ने जनवरी में युद्धविराम तोड़ा था, जिसके बाद से अब तक 2,000 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं। 7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुई इसराइल-हमास की लड़ाई में अब तक 55,000 से ज़्यादा फ़लस्तीनी मारे जा चुके हैं।
70 प्रतिशत गाजा तबाह
गाजा के मीडिया दफ़्तर ने इसराइल पर फ़लस्तीनियों को हटाने की साज़िश रचने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इसराइली सेना बमबारी और मदद रोककर ग़ज़ा को तबाह कर रही है। उन्होंने दावा किया कि गाजा का 70% से ज़्यादा ढाँचा नष्ट हो गया है और 19 लाख लोग बेघर हो गए हैं।इसराइल ने इन आरोपों को नकारा है और अपनी कार्रवाई को हमास के खिलाफ बताया है। नेतन्याहू ने कहा है कि हमास के खत्म होने तक हमले जारी रहेंगे और युद्ध के बाद ग़ज़ा इसराइली सेना के नियंत्रण में रहेगा।यूएन और मानवाधिकार संगठनों ने ग़ज़ा में मानवीय संकट पर चिंता जताई है। यूनिसेफ और डब्ल्यूएफपी ने कहा है कि ग़ज़ा में 96% बच्चे कुपोषित हैं और अकाल का खतरा है।