रविवार देर रात, इजराइल ने गाजा में कई ठिकानों पर हमले किए, जिसमें एक स्कूल भी शामिल है। खबरों के मुताबिक, इस हमले में लगभग 30 लोग मारे गए हैं। बताया जा रहा है कि स्कूल में आग लगने से कई लोग जिंदा जल गए।
अल जजीरा की खबर के मुताबिक, यह एक किंडरगार्टन था जिसका इस्तेमाल शरणार्थियों के लिए किया जा रहा था। मरने वालों में रेड क्रॉस के दो कर्मचारी, एक पत्रकार और कई बच्चे शामिल हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सोमवार को इजराइली हमलों में गाजा में 50 से अधिक लोगों की जान गई है। इस बीच, स्पेन ने दुनिया के देशों से इजराइल पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है।
77% गाजा पर कब्जा
तीन दिन पहले, गाजा के खान यूनिस में इजराइली हमले में डॉक्टर अल-नज्जर के 9 बच्चे मारे गए, एक घायल है। मृतकों की उम्र 7 महीने से 12 साल थी, डॉक्टर के पति भी घायल हैं। इजराइल ने 14-20 मई के बीच हमास के ठिकानों पर हमले किए थे, जिसमें गाजा के 512 लोग मारे गए। गाजा के सरकारी मीडिया ऑफिस के अनुसार, इजराइल ने गाजा के 77% हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है और नरसंहार का आरोप लगाते हुए अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की है।
गाजा के मीडिया कार्यालय ने इजराइल पर गाजा पट्टी को फलस्तीनी आबादी से खाली कराने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। कार्यालय के अनुसार, इजराइली सेना जबरन बेदखली, बमबारी और सहायता रोककर गाजा को तबाह कर रही है, जिसे उन्होंने नरसंहार और नस्लीय सफाई बताया है।




गाजा हुआ तबाह
कार्यालय ने दावा किया है कि गाजा का 70% से अधिक नागरिक बुनियादी ढांचा नष्ट हो गया है, और 19 लाख लोग, जो कि 85% आबादी है, बेघर हो गए हैं।
इजराइली अधिकारियों ने इन आरोपों को अस्वीकार किया है। उन्होंने गाजा में अपनी कार्रवाइयों को हमास के खिलाफ ‘टारगेट ऑपरेशन’ कहा है। उनका कहना है कि हमास जानबूझकर आम नागरिकों के क्षेत्रों में सैन्य ठिकाने बनाता है, जिससे नागरिकों की मौतें बढ़ती हैं।
मास के खात्मे तक गाजा जारी रहेंगे हमले-इजराइल
इजराइली अधिकारियों का कहना है कि हमास के खत्म होने तक गाजा पर हमले जारी रहेंगे। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि युद्ध के बाद गाजा IDF के नियंत्रण में रहेगा और सहायता वितरण भी इजराइल की निगरानी में होगा। संयुक्त राष्ट्र ने गाजा में मानवीय संकट पर चिंता जताई है, जहाँ 96% बच्चे कुपोषित हैं और अकाल का खतरा है। बीते एक सप्ताह में इजराइली हमलों में 500 से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए हैं, और 7 अक्टूबर 2023 से अब तक 55,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।