ओडिशा के बलासोर जिले के सिंगला थाना क्षेत्र के बलिया पट्टी गांव में एक दलित परिवार को बीते तीन सालों से सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है। गांववालों ने इस परिवार का पानी, लकड़ी, मंदिर, दुकानें, बाजार और खेतों तक पहुंच बंद कर दी है। वजह? इस परिवार ने अपनी नाबालिग बेटी की शादी जबरन कराने से इनकार कर दिया।
तीन साल पहले, प्रसांत बर की बेटी नौवीं कक्षा में पढ़ती थी, जंभिराई गांव के एक युवक ने अगवा कर लिया था। हालांकि, बाद में लड़की को सुरक्षित वापस घर आ गई थी। लेकिन इसके बाद गांववालों और आरोपी लड़के के परिवार ने प्रसांत और उनकी पत्नी पर दबाव बनाया कि वे बेटी की उसी लड़के से शादी कर दें।प्रसांत ने साफ कह दिया, “मेरी बेटी नाबालिग है और पढ़ाई जारी रखना चाहती है। हम शादी के लिए तैयार नहीं हैं।”
गांव में कई बैठकों के बावजूद प्रसांत अपने फैसले पर अडिग रहे। इससे नाराज़ होकर गांव की कंगारू कोर्ट (गैरकानूनी ग्राम सभा) ने उनके परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें गांव का मुखिया बाजार में खड़े होकर सार्वजनिक रूप से बहिष्कार की घोषणा करता नजर आ रहा है।
गौर करने वाली बात ये है कि जिस युवक ने लड़की को अगवा किया था, वो अब किसी और से शादी कर चुका है, फिर भी गांववालों ने प्रसांत के परिवार का बहिष्कार जारी रखा हुआ है। इस बहिष्कार से प्रसांत, उनकी पत्नी और बेटी को मानसिक तौर पर बहुत तकलीफ हो रही है। लड़की अब कॉलेज में पढ़ाई कर रही है।
14 जून को प्रसांत की बेटी ने सिंगला थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अभी तक FIR नहीं दर्ज हुई है।थाना प्रभारी कमलिनी टांडी ने TNIE को बताया, “हमें शिकायत मिली है, हम जांच कर रहे हैं। उसके बाद कार्रवाई की जाएगी।”