तमिलनाडु के चेन्नई स्थित एक निजी विश्वविद्यालय ने गुरुवार को अपनी एक सहायक प्रोफेसर को ऑपरेशन सिंदूर पर आलोचनात्मक टिप्पणी करने के आरोप में निलंबित कर दिया। विश्वविद्यालय ने कहा कि प्रोफेसर “अनैतिक गतिविधियों” में शामिल थीं।
क्या था मामला?
सस्पेंड की गई प्रोफेसर का नाम एस. लोरा है, जो SRM यूनिवर्सिटी के Career Centre से जुड़ी हुई थीं। उन्होंने कथित रूप से अपने WhatsApp स्टेटस में भारत की ओर से किए गए हमले में पाकिस्तान में एक बच्चे की मौत और दो लोगों के घायल होने की बात लिखी थी।
प्रोफेसर ने हमलों के बाद व्हाट्सएप स्टेटस पोस्ट किया, जिसमें कहा गया, “भारत ने बुधवार की सुबह पाकिस्तान में एक बच्चे को मार डाला और दो लोगों को घायल कर दिया। अपने खून के प्यासेपन और चुनावी स्टंट के लिए निर्दोष लोगों की जान लेना बहादुरी नहीं है और यह न्याय नहीं है। यह एक कायरतापूर्ण हमला है।” पाकिस्तानी अधिकारियों का हवाला देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि हमले में महिलाओं और बच्चों सहित 26 नागरिक मारे गए, जबकि 46 अन्य घायल हुए। उन्होंने आगे लॉकडाउन और खाद्य संकट की चेतावनी भी दी।
कुछ ही समय में लोरा का यह स्टेटस यूनिवर्सिटी प्रशासन तक पहुंच गया। इसके थोड़ी ही देर बाद प्रशासन ने एक बयान जारी किया और लोरा को सस्पेंड कर दिया। बयान में कहा गया कि “लोरा ने अनुचित काम किया है, इसलिए उन्हें तुरंत निलंबित किया जाता है और उनके खिलाफ जांच शुरू की जा रही है।” इसके साथ ही, उनकी टीचिंग प्रोफाइल विश्वविद्यालय की वेबसाइट से हटा दी गई।
लोरा का प्रोफाइल और सम्मान
निलंबन से पहले वेबसाइट पर जानकारी थी कि लोरा आयरिश मिथॉलॉजी में डॉक्टोरल रिसर्च कर रही थीं। उन्हें 2016 में बेस्ट टीचर अवॉर्ड और 2017 में इंदिरा गांधी टीचिंग एक्सीलेंस अवॉर्ड मिल चुका है। वे 11 वर्षों का शिक्षण अनुभव रखती हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और धमकियां
इस मामले पर बीजेपी तमिलनाडु के राज्य सचिव एस. जी. सूर्याह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा:
“यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि लोरा को कोई अन्य संस्थान नियुक्त न करे। अगर कोई संस्थान ऐसा करता है, तो उन्हें सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा किया जाना चाहिए।” इसके बाद से, राइट-विंग सोशल मीडिया हैंडल्स से प्रोफेसर को धमकियां मिल रही हैं। निजी जानकारी व्हाट्सएप ग्रुप्स और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर लीक की जा रही है।