भारत में मुसलमानों की वतनपरस्ती को लेकर लंबे समय से सवाल उठाए जाते रहे हैं। चाहे सोशल मीडिया की बहसें हों, टीवी डिबेट्स या गली-मुहल्लों की ठेलों पर होने वाली चर्चाएं — “इनका दिल पाकिस्तान में है” जैसे स्टीरियोटाइप हर जगह सुनने को मिलते हैं। मगर वक्त जब मुल्क की हिफाजत का आया, तो वही भारतीय मुसलमान खुलकर देश के साथ खड़े नज़र आए।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 बेगुनाह लोगों की जान गई। देश गुस्से में था और इसका जवाब भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के ज़रिए दिया। लेकिन इस बार जो सबसे बड़ी और अहम बात सामने आई, वह थी देश के बड़े मुस्लिम धर्मगुरुओं की एकजुट और बेबाक प्रतिक्रिया।
“फौज ने जो किया, वह वक्त की ज़रूरत थी” — मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य और इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के प्रमुख मौलाना फरंगी महली ने फौज की कार्रवाई को पूरी तरह सही ठहराया। उन्होंने कहा: “भारत ने जो किया, वो ज़रूरी था। 26 मासूमों की शहादत पर मुल्क का खून खौला हुआ था। ये कार्रवाई सिर्फ सुकून ही नहीं, बल्कि दुनिया को ये बताने का तरीका भी है कि अब हम चुप नहीं बैठेंगे।” उन्होंने साफ कहा कि मज़हब के नाम पर कत्ल करने वालों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है।
“हमारा वतन, हमारी जिम्मेदारी” — मौलाना महमूद मदनी
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना मदनी का रुख और भी सख्त था, “अगर पाकिस्तान ने हालात बिगाड़े, तो पूरा मुल्क एक साथ खड़ा होगा। देश की हिफाजत सिर्फ सरकार या फौज का काम नहीं, हर नागरिक का फ़र्ज़ है – और मुसलमान इस ज़िम्मेदारी से पीछे नहीं हटेंगे।” मदनी ने अमन और एकता के लिए देशभर में अभियान तेज़ करने का एलान किया।
“अब भारत सिर्फ बोलेगा नहीं, करेगा भी” — मौलाना शहाबुद्दीन रजवी
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना रजवी ने भी पाकिस्तान को सख्त संदेश देते हुए कहा: “अब पाकिस्तान सिर्फ गीदड़ भभकी देता है। उसमें भारत से टकराने की हिम्मत नहीं बची। हमारे फौजी जिस जज्बे से लड़े हैं, उससे हर हिन्दुस्तानी को फख्र हो रहा है।”
“वतनपरस्ती हमारे ईमान का हिस्सा है” — सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी
जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष ने ऑपरेशन को “आवश्यक” और “सही कदम” बताया। उन्होंने दो टूक कहा: “जो लोग मुसलमानों को शक की निगाह से देखते हैं, उन्हें भी अब समझ लेना चाहिए कि मुसलमान इस देश के वफादार हैं।”
“हम सेना के साथ हैं” — शिया समुदाय की भी खुली हिमायत
शिया मुसलमानों की ओर से मौलाना यासूब अब्बास ने भारतीय सेना को सलाम करते हुए प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को बधाई दी।