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पहलगाम हमले के बाद देश में नफरत की आग: मुसलमानों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव की घटनाएं बढ़ीं

communal tension and anti-Muslim sentiment in India

पहलगाम हमले के बाद देश में एक अलग ही जंग छिड़ गई है.  गैर मुसलमानों की आंखों में मुसलमानों के खिलाफ साफ नफरत देखी जा सकती है. कोई खुले में टोपी पहनने पर जान से मारने की धमकी दे रहा है, तो कहीं डॉक्टर इलाज करने से मना कर रहे हैं. इससे भी दिल नहीं भर रहा है तो कश्मीरी स्टूडेंट को पीट जा रहा है. वहीं खुले में कहा जा रहा है कि 26 का बदला 2600 से लेंगे. इन सब मामलों को आप कैसे देंखेगे? पहलगाम में जो हुआ वो बहुत बुरा था. लेकिन इस तरह की हरकत करना कितना सही है? आप जब भी सोशल मीडिया मीडिया खोलेंगे तो इस तरह की हजारों वीडियो और पोस्ट आपको मिल जाएंगी.  जिनमें नफरत साफ देखी जा सकती है.

यूनिवर्सिटी में मुस्लिमों के खिलाफ लगे पोस्टर

देश में पहले ही एक नैरेटिव सेट था लेकिन इस हमले के बाद से जैसे कुछ लोगों को खुली छूट मिल गई है वो जो चाहे करेंगे. 

जैसे, पश्चिम बंगाल में बिधान चंद्र कृषि यूनिवर्सिटी में कुछ पोस्टर लगाए गए. जिसपर लिखा था, “कुत्ते और मुसलमानों को अंदर आने की इजाजत नहीं है. सबकी नज़रें पहलगाम पर हैं और आतंकवाद का मतलब इस्लाम है.”

कुछ हिंदूवादी संगठन इस घटना का इस्तेमाल कश्मीरी मुसलमानों और मुसलमानों के खिलाफ कर रहे हैं. जिससे और ज्यादा नफरत फैलाई जा सके.  

डॉक्टर ने मुस्लिम महिला के इलाज से किया इनकार

दूसरा वहीं दूसरा मामला कोलकता का है. जहां एक डॉक्टर ने  प्रेग्नेंट महिला का इलाज करने से सिर्फ इसलिए मना कर दिया वे पेशेंट मुस्लिम थी. 

दरअसल, महिला डॉक्टर सीके सरकार के क्लिनिक में अपना रूटीन चेकअप कराने के लिए गई थी. डॉक्टर सरकार सात महीने से महिला का इलाज कर रही थी. परिवार का कहना है कि जैसे ही डॉक्टर ने उसका पूरा नाम पढ़ा, सब कुछ बदल गया.

खातून ने बताया, “डॉक्टर ने फीस ली और उसका नाम लिखने लगीं और पूरा नाम पूछा. जब उन्होंने नाम सुना, तो ऐसी बातें कहीं कि हम चौंक गए. उन्होंने कहा, ‘अपना इलाज मदरसों या मस्जिदों में कराओ. वहीं तुम्हें सिखाते हैं कि आतंकवादी कैसे बनते हैं.”

खातून ने ‘द ऑब्जर्वर पोस्ट’ को बताया, “डॉक्टर ने कहा कि ‘तुम लोगों ने पहलगाम में बेकसूर हिंदुओं को मारा. तुम्हें भी मार देना चाहिए. तुम्हारे पति को हिंदू मार डालें ताकि तुम्हें पता चले कि कैसा लगता है. 

इसे आप क्या कहेंगे. क्या आपने ऐसा कहीं होता देखा है. यूनिवर्सिटियों और कॉरपोरेट सेक्टर में मुसलमानों के खिलाफ ऐसा होना अब आम सी बात हो गया था. लेकिन अगर इतने पढ़े लिखे डॉक्टर भी ऐसा करेंगे तो क्या ही बाकी रह जाएगा. 

कश्मीरी स्टूडेंट के साथ मारपीट

इसके आलावा पंजाब में चंडीगढ़ के पास डेरा बस्सी में पढ़ने वाले कश्मीरी स्टूडेंट के साथ मारपीट की गई. हॉस्टल में तेज धार वाले हथियारों से उनके ऊपर हमला किया गया. उनका कहना है कि हॉस्टल गार्ड और पंजाब पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की. स्टूडेंट के साथ हिंसा की खबर अलग अलग राज्यों से सामने आ रही है. जैसे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड वगरैह. 

कश्मीरी मुसलमानों को दी गई धमकी

साथ ही कुछ हिंदूवादी संगठनों ने कश्मीरी मुसलमानों को इलाका छोड़ने की धमकी दी है. कहा कि वे यहां से चले जाए वरना उनके साथ कुछ बुरा हो सकता है. 

यह बात याद रखने वाली है कि ये सब अलग-अलग जगहों पर हुआ है और अभी यह ठीक से नहीं पता कि कुल ऐसे कितने मामले सामने आ चुके हैं. क्योंकि कई मामले रिपोर्ट नहीं किए जाते हैं. लेकिन जो कुछ भी हो रहा है वह काफी बुरा है. ऐसा नहीं होना चाहिए. इस मुल्क में ज्यादातर लोग आपस में मिल जुलकर रहना चाहते हैं. लेकिन ये कुछ लोग हैं जो ऐसा नहीं चाहते और हमेशा अपने मंसूबों में कामयाब हो जाते हैं. लेकिन, इस तरह कि घटनाओं से मुसलमानों में डर का माहौल है.  ऐसे में सरकार और समाज के सभी लोगों को मिलकर यह देखना होगा कि ऐसी चीजें फिर से न हों और सभी लोग एक दूसरे साथ सेफ रहें. यह भी बहुत जरूरी है कि अगर कोई क्राइम करता है तो उसके लिए पूरी कौम को बुरा न कहा जाए. पहलगाम में जो हुआ वो बहुत बुरा था. लेकिन किसने किया, कैसे हुआ इन सभी सवालों के जवाब अभी आना बाकी है.  लेकिन बिना किसी पुख्ता सबूत के पूरे मुस्लिम माशरे को सजा देना बहुत गलत है. 

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