---Advertisement---

Eid al-Adha 2025: इबादत, कुर्बानी और भाईचारे का त्योहार

इस साल भारत में बकरीद शनिवार, 7 जून 2025 को मनाई जाएगी, जो सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों की तुलना में एक दिन बाद है, जहाँ यह शुक्रवार, 6 जून को मनाई गई। 

बकरीद का धार्मिक महत्व

बकरीद मुसलमानों का एक बड़ा त्योहार है। यह त्योहार हज़रत इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) की अल्लाह के लिए की गई कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। कुरान के मुताबिक, जब अल्लाह ने इब्राहीम (अ.स.) से उनके बेटे इस्माईल (अ.स.) की कुर्बानी मांगी, तो उन्होंने खुशी से मान लिया। लेकिन आखिरी समय पर अल्लाह ने उनके बेटे की जगह एक दुबां भेज दिया। इस तरह अल्लाह ने इब्राहीम (अ.स.) की आज़माइश को कबूल किया।

क़ुरबानी की परंपरा

बकरीद पर मुसलमान बकरी, भेड़, गाय, भैंस या ऊँट की क़ुरबानी देते हैं। क़ुरबानी का मांस तीन हिस्सों में बाँटा जाता है

1- परिवार के लिए 

2- रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए

3-  गरीबों और जरूरतमंदों के लिए

 यह परंपरा त्याग, सहानुभूति और सामाजिक समानता का प्रतीक है।

ईद की नमाज़ और अन्य परंपराएँ

ईद की नमाज़ सूर्योदय के बाद और ज़ुहर की नमाज़ से पहले अदा की जाती है। नमाज़ के बाद इमाम खुतबा देते हैं। इस दिन मुसलमान नए कपड़े पहनते हैं, एक-दूसरे को “ईद मुबारक” कहते हैं, और मिठाइयाँ व उपहार बाँटते हैं। यह दिन भाईचारे, एकता और करुणा का संदेश देता है।

सार्वजनिक अवकाश और सेवाएँ

भारत में बकरीद एक राजपत्रित अवकाश है। इस दिन अधिकांश सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज और बैंक बंद रहते हैं। हालाँकि, डिजिटल बैंकिंग सेवाएँ जैसे मोबाइल बैंकिंग, ऑनलाइन बैंकिंग और UPI लेनदेन चालू रहते हैं, जिससे लोग आवश्यक वित्तीय कार्य कर सकते हैं। 

बकरीद: एक वैश्विक उत्सव

बकरीद न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह एक वैश्विक उत्सव भी है जो मुसलमानों को एकजुट करता है। यह दिन हमें त्याग, सहानुभूति और सामाजिक जिम्मेदारी की याद दिलाता है। बकरीद के अवसर पर हम सभी को चाहिए कि हम अपने आसपास के जरूरतमंदों की मदद करें और समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा दें।

Join WhatsApp

Join Now

Follow Google News

Join Now

Join Telegram Channel

Join Now