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Ceasefire से मैदान-ए-जंग तक: भारत-पाक के बीच आखिर कुछ घंटों में क्यों टूटी शांति की डोर?

कभी-कभी एक खबर दिल को राहत देती है, तो वही कुछ घंटों में दिमाग को झुलसा भी देती है। 10 मई की शाम कुछ ऐसा ही हुआ जब अचानक खबर आई कि भारत और पाकिस्तान ने सीजफायर पर सहमति जताई है। लेकिन यह राहत ज्यादा देर तक टिक नहीं पाई। महज कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान की ओर से ड्रोन अटैक और गोलीबारी की खबरों ने फिर से तनाव को चरम पर पहुँचा दिया।

सीजफायर का एलान – ट्रंप की मध्यस्थता से मिली ‘कामयाबी’

शाम 5:26 बजे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ट्वीट कर दुनिया को बताया कि भारत और पाकिस्तान अमेरिका की मध्यस्थता में सीजफायर पर राजी हो गए हैं। ट्रंप ने लिखा, “भारत और पाकिस्तान ने तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई है। मैं दोनों देशों को समझदारी के लिए बधाई देता हूं।”

इसके कुछ ही मिनट बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भी पुष्टि की कि पिछले 48 घंटे से अमेरिका दोनों देशों के नेताओं के संपर्क में था और यह कूटनीतिक जीत है।

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुष्टि की कि दोपहर 3:35 बजे भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ (DGMO) के बीच बातचीत हुई और शाम 5 बजे से सीजफायर लागू करने का फैसला लिया गया।

सीजफायर टूटा – 3 घंटे में फिर जंग जैसे हालात

शांति का यह ऐलान ज्यादा देर नहीं टिक सका। रात 8 बजे के करीब पाकिस्तान की तरफ से जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में 15 ड्रोन अटैक की खबरें सामने आईं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा: “श्रीनगर में धमाकों की आवाजें सुनी गई हैं। यह कोई सीजफायर नहीं है!” ड्रोन हमलों के साथ ही राजौरी, पुंछ, सांबा और फिरोजपुर जैसे सेक्टरों में पाकिस्तान की ओर से भारी गोलीबारी भी की गई। भारतीय एयर डिफेंस ने ड्रोन हमलों को विफल किया, लेकिन समझौते की नींव हिल गई।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का बयान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत पर सीजफायर तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा, “जो मुलाकात मेज पर होनी थी अब मैदान-ए-जंग में होगी। भारत ने हमारे सब्र का इम्तिहान लिया।” हालांकि कुछ ही घंटों पहले शहबाज शरीफ ने सीजफायर के लिए ट्रंप का धन्यवाद भी किया था।

भारत का जवाब – “अबकी बार सिर्फ जवाब नहीं, सबक मिलेगा”

रात 11 बजे भारत की तरफ से तीसरी बार प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने स्पष्ट कहा, “पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया है। हमने कोई उकसावे वाली कार्रवाई नहीं की थी। सेना को सख्त जवाबी कार्रवाई के आदेश दे दिए गए हैं।” भारतीय सेना प्रमुख ने भी बयान जारी किया कि भारत अब जवाबी रणनीति के तहत कार्रवाई करेगा।

अब क्या होगा?

सीजफायर का यह नाटकीय टूटना कई सवाल खड़े करता है:

क्या वाकई ट्रंप की मध्यस्थता टिकाऊ थी?

क्या पाकिस्तान ने जानबूझकर भरोसा तोड़ा?

क्या अमेरिका की साख को इस घटना से नुकसान पहुंचा है?

और सबसे अहम – क्या भारत-पाक के रिश्ते फिर से युद्ध की तरफ बढ़ रहे हैं?

फिलहाल बॉर्डर पर तनाव बरकरार है। एक दिन में सीजफायर से युद्ध की धमकी तक का सफर यह दिखाता है कि भारत-पाक संबंध कितने नाजुक मोड़ पर हैं। अब देखना होगा कि शांति के पक्ष में कोई नया प्रयास होता है या हालात और बिगड़ते हैं।

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