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राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए, जम्मू-कश्मीर मीडिया को सरकार ने रिपोर्टिंग से रोका

भारत सरकार ने जम्मू और कश्मीर में काम कर रहे सभी मीडिया संस्थानों को एक ज़रूरी चेतावनी दी है। सरकार ने कहा है कि जब वे इलाके में सुरक्षा बलों के किसी भी ऑपरेशन के बारे में खबर दें, तो उन्हें कुछ खास नियमों का पालन करना होगा। यह बात रक्षा मंत्रालय की तरफ से कही गई है।

जानकारी हो सकती है लीक

मंत्रालय ने मीडिया से साफ़ तौर पर कहा है कि उन्हें मिलीटेंट के खिलाफ चल रही कार्रवाई या सेना की किसी भी गतिविधि की सीधी तस्वीरें या पल-पल की जानकारी नहीं दिखानी है। इसके अलावा, उन्हें ऐसे सूत्रों के हवाले से भी खबरें नहीं देनी हैं जिनकी पुष्टि नहीं हुई है। मंत्रालय का कहना है कि उन्हें इस बात की चिंता है कि कुछ मीडिया वाले गलत या बिना जाँची-परखी खबरें फैला रहे हैं, जिससे खतरा हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी खबरों से दुश्मन ताकतों को मदद मिल सकती है, सेना के काम करने की क्षमता कम हो सकती है, और जवानों की जान भी जोखिम में पड़ सकती है।

देश की सुरक्षा का मामला

यह चेतावनी इसलिए जारी की गई है क्योंकि हाल ही में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जहाँ चल रहे ऑपरेशनों के बारे में संवेदनशील जानकारी कथित तौर पर साझा की गई थी। अधिकारियों को लगता है कि इससे देश की सुरक्षा को नुकसान पहुँच सकता है। सरकार ने सभी समाचार एजेंसियों, टीवी चैनलों, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और यहाँ तक कि सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वालों से भी कहा है कि वे सावधान रहें और जिम्मेदारी से खबरें दें। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह भी कहा कि यह मामला सिर्फ मीडिया की आज़ादी का नहीं है, बल्कि देश की सुरक्षा का भी है। उन्होंने कहा कि लाइव अपडेट दिखाने से ज़मीन पर लोगों की जान जा सकती है।

इस चेतावनी में सरकार ने पिछली शनिवार को जारी की गई एक और सलाह का भी ज़िक्र किया है। उस सलाह में भी सभी मीडिया प्लेटफॉर्म से कहा गया था कि वे सेना के ऑपरेशनों का सीधा प्रसारण न करें।

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