गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के बोटाद से आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक उमेश मकवाणा ने बृहस्पतिवार को सभी पार्टी पदों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी पर ऊंची जातियों को तरजीह देने और पिछड़ी जातियों की आवाज न उठाने का आरोप लगाया।
सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करते हैं
मकवाणा ने कहा कि जब चुनाव आते हैं तो ओबीसी या पिछड़ी जातियों को सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने कहा, “चुनाव खत्म होते ही हमारे समाज के नेताओं को किनारे कर दिया जाता है। बीजेपी और कांग्रेस भी यही करती हैं।”
अब विधायक पद छोड़ेंगे या नहीं?
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह विधायक पद से भी इस्तीफा देंगे, तो उन्होंने कहा, “मैं अपने क्षेत्र के लोगों से राय लेकर ही कोई फैसला लूंगा। मैं उनकी उम्मीदों को तोड़ना नहीं चाहता।”
गोपल इटालिया पर उठी चर्चा, मकवाणा ने किया इनकार
कुछ लोगों ने अंदाजा लगाया कि गोपाल इटालिया को पार्टी व्हिप बनाए जाने की वजह से मकवाणा ने इस्तीफा दिया। लेकिन उन्होंने इसे खारिज किया और कहा, “मुझे पार्टी से ऐसा कोई संदेश नहीं मिला। मेरा इस्तीफा गोपाल इटालिया से जुड़ा नहीं है।”
कादी और विसावदर उपचुनाव का उदाहरण
मकवाणा ने पार्टी के भेदभाव का उदाहरण देते हुए कहा कि कादी में दलित उम्मीदवार को सिर्फ 10 लाख रुपये उधार लेकर चुनाव लड़ना पड़ा, जबकि विसावदर में पटेल समाज के उम्मीदवार गोपाल इटालिया के लिए पूरी पार्टी और करोड़ों रुपये झोंक दिए गए।
फोटो लगाकर बाबासाहेब का नाम मत बेचो
मकवाणा ने कहा, “आपके दफ्तरों में बाबासाहेब आंबेडकर की तस्वीर तो है, लेकिन अगर दिल में उनके विचार नहीं हैं तो राजनीति मत करो।”
आप का पलटवार: मकवाणा को किया निलंबित
इसी दिन आप गुजरात के अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने उमेश मकवाणा को 5 साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मकवाणा “विरोधी गतिविधियों” में शामिल हैं।गढ़वी ने कहा, “मकवाणा पर भ्रष्टाचार समेत कई शिकायतें आई थीं। बार-बार चेतावनी दी गई, लेकिन उन्होंने सुधार नहीं किया।”
बीजेपी पर आरोप, बीजेपी का जवाब
गढ़वी ने आरोप लगाया कि बीजेपी मकवाणा को तोड़कर पार्टी को कमजोर करने की साजिश कर रही है।बीजेपी प्रवक्ता यज्ञेश दवे ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “बीजेपी के पास 162 विधायक हैं, हमें किसी की जरूरत नहीं। आप पार्टी को खुद देखना चाहिए कि उनके लोग क्यों जा रहे हैं।”
आप नेताओं की सफाई
आप प्रवक्ता योगेश जडवानी ने कहा, “उमेशभाई को पार्टी में काफी सम्मान दिया गया था। 15 दिन में ही ओबीसी/SC/ST सेल का अध्यक्ष बनाया गया, प्रवक्ता बनाया गया, विधायक का टिकट दिया, और बाद में राष्ट्रीय संयुक्त सचिव व विधानसभा व्हिप भी बनाया गया।”उन्होंने कहा, “उमेशभाई ने अपनी ही कौम के लिए कई बार आवाज नहीं उठाई, जबकि जरूरत थी।”