भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार तड़के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों को सटीक निशाना बनाकर तबाह कर दिया। इस सैन्य कार्रवाई को लेकर भारत के रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की मौत हुई थी।
सरकारी बयान में कहा गया,
“हमारी सशस्त्र सेनाओं ने ऐसे 9 स्थानों पर सटीक कार्रवाई की, जो भारत के खिलाफ हमलों की योजना और संचालन के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे। ये पाकिस्तान की सेना के ठिकाने नहीं, बल्कि आतंकवादियों के आधारभूत ढांचे थे।”
ऑपरेशन सिंदूर को “फोकस्ड, मापी हुई और गैर-उकसावे वाली कार्रवाई” बताया गया है। इसका मकसद सिर्फ उन आतंकियों और उनके नेटवर्क को समाप्त करना था जो भारत में हमलों की साजिशें रच रहे थे, ना कि युद्ध जैसी स्थिति पैदा करना।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार,
“भारत ने अपने टारगेट का चयन सोच-समझकर और पूरी सावधानी से किया, ताकि किसी भी तरह की अनावश्यक उकसावे की स्थिति न बने। ये ऑपरेशन हमारी रणनीतिक परिपक्वता और संकल्प का प्रतीक है।”
सरकार ने साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य सिर्फ आतंक के खिलाफ जवाब देना था, न कि पाकिस्तान के खिलाफ कोई युद्ध छेड़ना। भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई में किसी पाकिस्तानी आम नागरिक या सेना को निशाना नहीं बनाया गया।
पहलगाम हमले के दोषियों को दी सज़ा
अधिकारियों ने बताया कि यह ऑपरेशन भारत की उस प्रतिज्ञा का हिस्सा है, जिसमें कहा गया था कि “पहलगाम में निर्दोषों की हत्या करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा।” एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर उस दिशा में एक मजबूत कदम है। भारत आतंक के खिलाफ अब सिर्फ बयान नहीं देगा, बल्कि जवाबी कार्रवाई करेगा।”