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Operation Sindoor : 25 मिनट में 25 शहीदों का बदला, कर्नल सोफिया कुरैशी ने खोले राज़

7 मई की रात करीब 1:05 बजे, भारत ने आतंक के खिलाफ एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पाकिस्तान और POK में मौजूद आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। इस पूरे ऑपरेशन की रणनीति, प्लानिंग और कार्रवाई को लेकर आज सुबह भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में दुनिया को विस्तार से जानकारी दी।

25 मिनट, 25 जानों का बदला

कर्नल कुरैशी ने बताया कि यह ऑपरेशन महज़ 25 मिनट चला, लेकिन इसका असर बेहद गहरा और निर्णायक रहा। इस मिशन का मकसद था 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देना, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक की जान गई थी। भारतीय सेना ने इस हमले को ‘सीमा पार से हुआ सुनियोजित नरसंहार’ बताया और साफ किया कि भारत अब ‘मौन नहीं, प्रहार’ की नीति पर चलेगा।

9 आतंकी अड्डे तबाह, 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए

प्रेस कॉन्फ्रेंस के मुताबिक, भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान और POK के भीतर 9 आतंकी ठिकानों को सटीक निशाना बनाकर तबाह कर दिया। ये सभी ठिकाने आतंकवादी गतिविधियों की योजना, ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट के हब थे। कर्नल कुरैशी ने बताया कि इन ठिकानों से भारत में बड़े हमलों की साजिश रची जा रही थी.

सिलसिलेवार हमला, हर टारगेट तय

विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन की तकनीकी और हवाई रणनीति पर रोशनी डालते हुए बताया कि इस ऑपरेशन में अत्याधुनिक मिसाइल, सैटेलाइट गाइडेंस और एआई-सपोर्टेड टारगेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा,

“हर ठिकाने की पहचान पहले से तय थी, ड्रोन और इंटरसेप्ट डाटा से पुष्टि के बाद ही हमले को अंजाम दिया गया।”

किन ठिकानों को बनाया गया निशाना?

कर्नल कुरैशी ने यह भी बताया कि किन-किन आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई की गई:

कोटली (POK): यहाँ से कई बार जम्मू कश्मीर में घुसपैठ की कोशिशें हो चुकी हैं।

मुज़फ़्फराबाद: आतंकी ट्रेनिंग कैंप और लॉजिस्टिक बेस।

बाघ और मुरिदके: लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के बड़े ऑपरेटिव्स यहां एक्टिव थे।

बहावलपुर और सियालकोट: जहां से भारत के खिलाफ साइबर और आईईडी हमलों की प्लानिंग चल रही थी।

ऑपरेशन में शामिल रहीं महिलाएं

इस ऑपरेशन की खास बात ये रही कि इसमें भारतीय सेना और वायुसेना की महिला अधिकारियों की अग्रणी भूमिका रही। कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने सिर्फ रणनीति बनाई, बल्कि उसके हर पहलू पर निगरानी भी रखी।

सिर्फ आतंकियों को निशाना, आम पाकिस्तानी नागरिक नहीं

कर्नल कुरैशी ने स्पष्ट किया कि इस ऑपरेशन में सिर्फ आतंकियों के अड्डों को टारगेट किया गया। उन्होंने कहा, “हमारा मकसद सिर्फ आतंकवाद है, पाकिस्तान के नागरिक नहीं। किसी भी सिविलियन इलाके को निशाना नहीं बनाया गया।”

पाकिस्तान का दावा और भारतीय जवाब

पाकिस्तानी मीडिया में इस ऑपरेशन को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं—जैसे भारतीय विमान गिराना और जवाबी कार्रवाई में भारतीय सैनिकों को नुकसान, लेकिनभारतीय सेना ने इन दावों को झूठा और मनगढ़ंत बताया है। कर्नल कुरैशी ने कहा, “ये पाकिस्तान की बौखलाहट है। वो आतंकी ढांचे को बचाने के लिए झूठ फैला रहा है।”

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