आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से राहत मिली है। IMF ने एक्सटेंडेड फंड फेसिलिटी (EFF) कार्यक्रम के तहत पाकिस्तान को 1.02 अरब डॉलर (लगभग ₹8,400 करोड़) की दूसरी किश्त जारी की है। इस फंड को पाकिस्तान अपने विदेशी मुद्रा भंडार में 16 मई से शामिल करेगा।
भारत ने जताई आपत्ति
पाकिस्तान को मिले इस नए कर्ज पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, IMF बोर्ड की हालिया बैठक में भारत ने वोटिंग से दूरी बनाकर विरोध दर्ज कराया। भारत ने चिंता जताई कि पाकिस्तान इस फंड का उपयोग सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने में कर सकता है।
IMF के नियमों के मुताबिक, यहां ‘नकारात्मक’ (No) वोटिंग की अनुमति नहीं है। सदस्य देश या तो प्रस्ताव के पक्ष में वोट करते हैं या फिर मतदान से वंचित रहते हैं, जैसा कि भारत ने किया।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट में
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है। देश में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है और विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घट रहा है। IMF से मिली यह आर्थिक मदद भले ही तात्कालिक राहत दे, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक यह सिर्फ एक अस्थायी सहारा है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2024 तक पाकिस्तान पर कुल विदेशी कर्ज़ लगभग 131.16 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, जिससे देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।