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योगी सरकार ने 350 से ज्यादा इबादतगाह को बनाया निशाना

उत्तर प्रदेश की सरज़मीं पर इन दिनों एक अलग तरह की हलचल है। सरकारी बुलडोज़र गरज रहे हैं और निशाने पर हैं तीन सौ से ज़्यादा इबादतगाहें – मदरसे, मस्जिदें, मज़ारें और ईदगाहें। 11 मई को जारी एक सरकारी बयान इसका खुलासा किया गया. इसे लेकर लोग कह रहे हैं कि यह जो कार्रवाई हो रही है, वह मुसलमानों को निशाना बना रही है. उनका कहना है कि सरकार उनकी मस्जिदों और मदरसों जैसी धार्मिक जगहों को तोड़ रही है. इस तरह की कार्यवाई यूपी में पहली बार नहीं है. मुसलमानों के खिलाफ यूपी सरकार हमेशा एक्शन में नजर आती है. हालांकि सरकार के इस फैसले के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं..

योगी सरकार ने 350 से ज्यादा इबादतगाहों को निशाना बनाया है जो नेपाल बॉर्डर के पास है. इन सभी को गैर कानूनी बता दिया गया. इस सिलसिले में 11 मई को एक अधिकारिक बयान जारी किया गया.जिसमें कहा गया कि

कहां कहां की गई कार्रवाई 

श्रावस्ती- 

104 मदरसे, एक मस्जिद, पाँच मज़ार और दो ईदगाह ऐसी मिलीं जो सरकारी या किसी और की ज़मीन पर बनी थीं.इन सभी को नोटिस जारी किए गए और बाद में सील कर दिया गया. सरकारी ज़मीन पर बने एक मदरसे को गिरा दिया गया। वहीं, दो ऐसे मदरसे जो अपनी ज़मीन पर चल रहे थे उन्हें बंद कर दिया गया।

बहराइच-

 13 मदरसों, आठ मस्जिदों, दो मजारों और एक ईदगाह को गैरकानूनी बनाकर तोड़ दिया गया.  इनमें से पाँच इमारतों को बंद कर दिया गया। जबकि आठ मदरसों, दो मस्जिदों और एक मज़ार, कुल मिलाकर 11 इमारतों को पूरी तरह से तोड़ दिया गया।

सिद्धार्थनगर 

18 मदरसों, चार मस्जिदों और एक अन्य मदरसे की पहचान के बाद 23 को गैर कानूनी बताकर कार्रवाई की गई. इसके अलावा पाँच मदरसों को सील कर दिया गया और नौ को तोड़ दिया गया.

महाराजगंज 

परसामलिक गाँव में, मकतब जमीन पर बने एक गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे को बंद कर दिया गया. भवन की चाबियाँ पुलिस स्टेशन को सौंप दी गईं है. जिले में अब तक 29 मदरसे और पाँच मज़ार तोड़े जा चुके हैं.

लखीमपुर खीरी 

13 ऐसी धार्मिक जगहों को गैर कानूनी बताया गया. एक को चेतावनी दी गई, नौ को बंद कर दिया गया और तीन को तोड़ दिया गया है.

 बलरामपुर

30 मदरसे, 10 मज़ार और एक ईदगाह को तोड़ दिया गया. पीलीभीत में अफसरों ने सरकारी ज़मीन पर बनी एक मस्जिद को नोटिस भेजा है, जिसका जवाब अभी नहीं आया है।

उत्तर प्रदेश में पहले भी ऐसी कार्रवाई होती रही है. लेकिन इतनी बड़ी लेवल पर एक साथ कई जिलों में ऐसा कम ही हुआ है। अलग-अलग शहरों में छोटे लेवल मस्जिद और दूसरी इमारतों को तोड़ा गया.  लेकिन इस बार जिस तरह से धार्मिक इमारतों को निशाना बनाया गया है और इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई हुई है, यह थोड़ा अलग है। सरकार कह रही है कि वह सिर्फ गैर-कानूनी कब्जों को हटा रही है, न कि किसी खास धर्म के लोगों को परेशान कर रही है।

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