यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम (UCF) नाम की एक संस्था के मुताबिक, उन्हें पिछले तीन महीनों में देश भर से ईसाइयों के साथ हुई हिंसा की 245 शिकायतों के फोन आए हैं। उनकी एक हेल्पलाइन है, जिस पर ये शिकायतें आई हैं।
UCF ने कहा कि भारत में ईसाइयों के साथ हर दिन करीब दो बार हिंसा होती है। 2014 के बाद से ऐसी घटनाएं बढ़ गई हैं।
UCF के आंकड़ों के मुताबिक, ईसाई आदिवासी और महिलाओं के साथ हिंसा ज्यादा होती है।
2014 में ऐसी 127 घटनाएं हुई थीं, लेकिन उसके बाद से ये बहुत बढ़ गईं। UCF ने बताया कि 2015 में 142, 2016 में 226, 2017 में 248, 2018 में 292, 2019 में 328, 2020 में 279, 2021 में 505, 2022 में 601, 2023 में 734 और 2024 में 834 घटनाएं हुईं।
2025 में, जनवरी से अप्रैल तक, भारत के 19 राज्यों में ईसाइयों के खिलाफ हिंसा की 245 घटनाएं हुई हैं। सबसे ज्यादा 50 घटनाएं उत्तर प्रदेश में हुईं, और उसके बाद छत्तीसगढ़ में 46।
दूसरे 17 राज्य जहाँ ईसाइयों के खिलाफ हिंसा हुई है, वे हैं: आंध्र प्रदेश (14), बिहार (16), दिल्ली (1), गुजरात (8), हरियाणा (12), हिमाचल प्रदेश (3), झारखंड (17), कर्नाटक (22), मध्य प्रदेश (14), महाराष्ट्र (6), ओडिशा (2), पंजाब (6), राजस्थान (18), तमिलनाडु (1), तेलंगाना (1), उत्तराखंड (2), और पश्चिम बंगाल (11)।
इन घटनाओं में मारपीट, हत्या, यौन हिंसा, धमकाना, सामाजिक बहिष्कार, धार्मिक जगहों को नुकसान पहुँचाना, धार्मिक चिह्नों का अपमान करना और प्रार्थना सभाओं में रुकावट डालना शामिल है।