उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के डंडारपुर गांव में जातीय तनाव बढ़ गया है। गुरुवार को यदुवंशी समाज के लोगों ने भारी संख्या में प्रदर्शन किया। यह विरोध उस घटना के बाद हुआ जिसमें दो भागवत कथा सुनाने वालों का सिर मुंडवा कर ऊंची जाति के लोगों ने उनका अपमान किया था।
पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस असली आरोपियों के बजाय पीड़ितों और उनके समर्थकों को ही परेशान कर रही है। सुबह सैकड़ों लोग बकेवर थाने का घेराव करने पहुंचे और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की।
हिंसा और झड़प, पुलिस की कार्रवाई
प्रदर्शनकारियों ने आगरा-कानपुर हाईवे और बकेवर थाने के पास जमकर नारेबाजी की। पुलिस के मुताबिक, कुछ लोगों ने जबरन डंडारपुर में घुसने की कोशिश की और पत्थरबाजी भी की। जवाब में पुलिस ने हवाई फायरिंग की और हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को हटाया।पुलिस ने बताया कि 19 लोगों को हिरासत में लिया गया और 13 गाड़ियां जब्त की गई हैं। एक पुलिस जीप को भी भीड़ ने नुकसान पहुंचाया।
कथा वाचकों के साथ अमानवीय बर्ताव का आरोप
घटना 22-23 जून की रात की है, जब दो कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके साथी संत सिंह यादव के साथ मारपीट की गई, उनका सिर मुंडवा दिया गया और उन पर पेशाब डालकर अपमानित किया गया।संत सिंह यादव ने कहा, “मुझे पूरी रात मारा-पीटा गया और पेशाब डालकर कहा गया कि मुझे शुद्ध किया जा रहा है।”हमलावरों का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह कह रहे थे “ब्राह्मणों के गांव में आने की सजा दी जा रही है।”
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह संविधान और सामाजिक बराबरी पर हमला है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर तीन दिन में न्याय नहीं मिला तो बड़ा आंदोलन होगा।वहीं यूपी सरकार में मंत्री जयवीर सिंह ने अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि उन्होंने बिना सच्चाई जाने इसे जातीय रंग दिया, जिससे हिंसा भड़की।
अब तक की कार्रवाई
फिलहाल पुलिस ने चार लोगों आशीष तिवारी, उत्तम कुमार अवस्थी, निक्की अवस्थी और मनु दुबे को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा 15 और लोगों को हिरासत में लिया गया है।मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, “कानून सबके लिए बराबर है। कोई भी अपनी मनमानी नहीं कर सकता।”