हाल ही में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के सदस्यों ने कई राज्यों में चल रहे हथियार प्रशिक्षण कैंपों के बीच एक विजिलांते (निजी पहरेदारी) मार्च निकाला। इस मार्च में शामिल लोगों ने नुकीली लकड़ियों जैसी हथियारनुमा लाठियाँ अपने हाथों में ले रखी थीं और भड़काऊ भाषण दिए, जिनमें मुस्लिमों को निशाना बनाया गया।
नारे और बहिष्कार की बातें
मार्च में मौजूद लोगों ने “जय श्री राम” के नारे लगाए, पाकिस्तान विरोधी गालियाँ दीं और मुस्लिम दुकानों, जैसे ऑटो रिपेयर और नाई की दुकानों के बहिष्कार की अपील की। इन बातों से स्थानीय इलाकों में डर और तनाव का माहौल बन गया है।
घटना कहां हुई?
यह घटना कानपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर घाटमपुर में हुई, जहाँ एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक थर्मल पावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था। मोदी ने अपने भाषण में पहुलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा था “दुश्मन कहीं भी छुपा हो, उसे खोज कर खत्म किया जाएगा।”
हथियार कैंप कहाँ-कहाँ चल रहे हैं?
VHP ने कई राज्यों में हथियारों की ट्रेनिंग कैंप चलाए हैं, जैसे:
- कोडागु (कर्नाटक)
- नरेला (दिल्ली) — यहाँ 23 मई को फायरआर्म्स ट्रेनिंग दी गई
- रांची (झारखंड) — 27 मई को लगभग 400 युवाओं ने भाग लिया
इन कैंपों में एयरगन, त्रिशूल और अन्य हथियारों की ट्रेनिंग दी जाती है।
क्या कहती है VHP?
VHP का कहना है कि इन कैंपों का मकसद सिर्फ
“शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण” है और “एयरगन और त्रिशूल जैसी चीज़ें Arms Act का उल्लंघन नहीं करतीं”।
विरोध और चिंता
हालांकि, सामाजिक कार्यकर्ता और विपक्षी नेता इन कैंपों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसे ट्रेनिंग कैंप और मार्च सामाजिक एकता को तोड़ते हैं और दंगे जैसी स्थिति पैदा कर सकते हैं।