गोवा के शिरगांव गांव में हर साल होने वाले लैराई देवी ज़ात्रा उत्सव के दौरान एक भयानक भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 30 से ज़्यादा लोग घायल हो गए। हादसा शनिवार तड़के सुबह 3 बजे के करीब हुआ, जब हज़ारों की संख्या में लोग मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे।
हादसा कैसे हुआ?
बताया जा रहा है कि मंदिर तक जाने वाला रास्ता काफी संकरा और ढलान वाला है। इसी रास्ते पर एक श्रद्धालु फिसलकर गिर गया, जिससे आगे बढ़ रहे लोग घबरा गए और भगदड़ मच गई। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे और कई लोग इस अफरा-तफरी में कुचल गए।
घायलों की हालत
घायलों को तुरंत गोवा मेडिकल कॉलेज (GMC), मापुसा जिला अस्पताल, और बिचोलिम के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। इनमें से कम से कम 10 लोगों की हालत गंभीर है और उन्हें ICU में रखा गया है।
नेताओं की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और सभी को हर संभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि इस हादसे की जांच शुरू कर दी गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख जताया और कहा कि प्रशासन पीड़ितों की पूरी मदद कर रहा है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई और घायलों के जल्दी ठीक होने की कामना की।
स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने बताया कि अतिरिक्त डॉक्टरों की टीम भेजी गई है और खास ICU यूनिट बनाई गई है।
लैराई ज़ात्रा उत्सव क्या है?
लैराई देवी ज़ात्रा गोवा का बहुत ही प्रसिद्ध धार्मिक त्योहार है, जो हर साल शिरगांव गांव में मनाया जाता है। इस उत्सव में हज़ारों लोग लैराई देवी (जिन्हें देवी पार्वती का रूप माना जाता है) के दर्शन के लिए आते हैं।
इस उत्सव का मुख्य आकर्षण होता है “धोंडाची ज़ात्रा”, जिसमें श्रद्धालु जलते अंगारों पर नंगे पैर चलते हैं। इसे आस्था और तपस्या का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा, झांकियां, ढोल-नगाड़े, और भजन-कीर्तन भी होते हैं।
सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद हादसा
हालांकि वहां 1000 से ज्यादा पुलिसकर्मी और सुरक्षाकर्मी तैनात थे, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा थी कि ये हादसा नहीं रोका जा सका। इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है, और अब सवाल उठ रहे हैं कि इतने बड़े धार्मिक आयोजन में भीड़ नियंत्रण के इंतज़ाम क्यों नाकाफी साबित हुए।