वनडे क्रिकेट में लंबे समय से दो गेंदों के नियम को लेकर आलोचना होती रही है। बल्लेबाजों के दबदबे वाले इस फॉर्मेट में अब गेंदबाजों के पक्ष में एक बड़ा बदलाव हो सकता है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) दो गेंदों के नियम में बड़ा संशोधन लाने की तैयारी में है। क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, नया नियम अगले महीने से लागू हो सकता है।
क्या है नया नियम?
अब तक वनडे मैचों में यह होता था कि एक पारी में दोनों छोर से दो नई सफेद गेंदों का इस्तेमाल किया जाता था – हर गेंद से 25-25 ओवर फेंके जाते थे। लेकिन ICC जिस नए नियम को लागू करने जा रही है, उसके मुताबिक: पहले 1 से 34 ओवर तक दोनों छोर से अलग-अलग दो गेंदों का ही इस्तेमाल किया जाएगा। लेकिन 35वें ओवर से फील्डिंग करने वाली टीम को दोनों में से किसी एक गेंद को चुनना होगा, और आखिरी 16 ओवर (35-50) उसी एक गेंद से फेंके जाएंगे।
गेंदबाजों के लिए क्यों फायदेमंद है ये बदलाव?
दो नई गेंदों के इस्तेमाल से गेंदें पुरानी नहीं हो पाती थीं, जिससे रिवर्स स्विंग लगभग खत्म हो चुकी थी। लेकिन इस नए नियम से एक गेंद को लंबे समय तक उपयोग करने का मौका मिलेगा, जिससे वह 35 ओवर तक घिस जाएगी और आखिरी 10-15 ओवरों में रिवर्स स्विंग जैसी कला वापस देखने को मिल सकती है। इससे तेज़ गेंदबाजों को डेथ ओवर्स में विकेट निकालने में मदद मिलेगी और गेंदबाजी को लेकर जो असंतुलन बना हुआ था, वह कुछ हद तक सुधर सकता है।
अगर मैच के दौरान गेंद बदलनी पड़ी तो?
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर किसी परिस्थिति में गेंद को बीच मैच में बदलने की जरूरत हुई, तो मैच की स्थिति के अनुसार उतनी ही ओवर पुरानी गेंद मुहैया करवाई जाएगी। इसका मतलब यह है कि खेल में संतुलन बनाए रखने की कोशिश की जाएगी।
क्यों जरूरी था ये बदलाव?
क्रिकेट विशेषज्ञ लंबे समय से यह मुद्दा उठाते रहे हैं कि ODI फॉर्मेट में बल्लेबाजों का दबदबा बढ़ता जा रहा है। दो नई गेंदों के नियम ने गेंदबाजों को रिवर्स स्विंग और पुरानी गेंद से मिले फायदे से वंचित कर दिया था। इसका असर यह हुआ कि बड़े स्कोर बनना आम बात हो गई और गेंदबाज सिर्फ रन रोकने तक ही सीमित रह गए।
नए नियम से न सिर्फ गेंदबाजों को राहत मिलेगी बल्कि मैचों में भी अधिक संतुलन और रोमांच देखने को मिलेगा।