13 जून की सुबह-सुबह इज़रायल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए। इस ऑपरेशन का नाम ‘Rising Lion’ रखा गया है। हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम और सेना के ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया।
अमेरिका बोला – हम शामिल नहीं हैं
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बयान दिया, “इस हमले में अमेरिका का कोई हाथ नहीं है। इज़रायल ने हमें बताया कि यह हमला उसकी आत्मरक्षा के लिए ज़रूरी था।”
इज़रायल में आपातकाल, पीएम नेतन्याहू का ऐलान
इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश में आपातकाल की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ये ऑपरेशन तब तक चलेगा जब तक ईरान से मिलने वाला खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता।
ईरान के बड़े सैन्य अधिकारी मारे गए
ईरानी मीडिया के अनुसार, इस हमले में कई शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे गए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- जनरल होसेन सलामी – रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख
- जनरल मोहम्मद बाघेरी – सशस्त्र सेनाओं के चीफ़ ऑफ स्टाफ
परमाणु वैज्ञानिकों की भी मौत
हवाई हमलों में ईरान के कई परमाणु वैज्ञानिकों की भी जान गई, जैसे:
- अब्दुल रहीम मीनूचेहर
- फरैदून अब्बासी – पूर्व परमाणु प्रमुख
- मेहदी तेहरांची
- अहमद रज़ा ज़ोलफगारी – शाहिद बेहेश्ती यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर
ईरान के सर्वोच्च नेता ने दी चेतावनी
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह खामेनेई ने कहा,
“इस ज़ायोनिस्ट शासन को कड़ी सज़ा के लिए तैयार रहना चाहिए। ईरान की ताक़तवर सेना उन्हें बिना सज़ा के नहीं छोड़ेगी।”
सऊदी अरब ने की इज़रायल की आलोचना
सऊदी अरब ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा,
“इस्राइल का यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है और ईरान की संप्रभुता व सुरक्षा पर हमला है।”