ग़ज़ा में एक बार फिर अस्पतालों को निशाना बनाकर इज़राइल ने भीषण हमले किए हैं, जिनमें कम से कम 28 लोगों की मौत हो गई है। 13 मई को दक्षिणी ग़ज़ा के ख़ान यूनुस शहर में स्थित दो प्रमुख अस्पतालों — नासिर अस्पताल और यूरोपीय ग़ज़ा अस्पताल — पर इज़राइली सेना ने हवाई हमले किए। ये दोनों अस्पताल लंबे समय से घायल नागरिकों और विस्थापितों का सहारा बने हुए थे।
ग़ज़ा के सिविल डिफेंस प्रवक्ता के मुताबिक, इन हमलों में कम से कम 28 शवों को निकाला गया है। घायलों की संख्या 40 से ज़्यादा बताई जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के फील्ड हॉस्पिटल निदेशक डॉ. मारवान अल-हम्स ने बताया कि नासिर अस्पताल पर यह दो महीने में दूसरी बार हमला हुआ है। इस हमले से ICU और इनपेशेंट वार्ड की 50 बिस्तरों की क्षमता प्रभावित हुई है।
अस्पताल के भीतर ही पत्रकार की हत्या
डॉक्टरों के मुताबिक, नासिर अस्पताल में भर्ती एक घायल पत्रकार को भी जानबूझकर निशाना बनाया गया। यह पत्रकार पहले एक मीडिया टेंट पर हुए हमले में घायल हुआ था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अस्पताल के निदेशक ने WHO को बताया कि दो मरीजों की जान चली गई और 12 लोग, जिनमें मेडिकल स्टाफ भी शामिल है, घायल हो गए।
“स्वास्थ्य सेवाओं पर हमले अस्वीकार्य हैं”: संयुक्त राष्ट्र अधिकारी
उसी दिन, संयुक्त राष्ट्र की डिप्टी ह्यूमैनिटेरियन कोऑर्डिनेटर सुज़ाना त्कालेच ने अस्पताल का दौरा किया और वहां के हालात का जायज़ा लिया। उन्होंने साफ कहा कि “अस्पतालों पर हमले किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किए जा सकते। स्वास्थ्य सुविधाओं की रक्षा होनी चाहिए।”
यूरोपीय ग़ज़ा अस्पताल भी नहीं बचा
इसी दिन, यूरोपीय ग़ज़ा अस्पताल को भी इज़राइली वायुसेना ने निशाना बनाया। हमलों में अस्पताल का आंतरिक परिसर और आसपास के इलाकों पर बमबारी हुई। इसमें 19 लोगों की मौत हो गई, जिनमें पांच महिलाएं थीं। चार पत्रकार भी घायल हुए। सिविल डिफेंस प्रवक्ता ने बताया कि जब उनकी टीम एक रिहायशी इमारत से घायलों को निकाल रही थी, तब उन्हें भी निशाना बनाया गया, जिससे दो बचावकर्मी घायल हो गए और टीम को बिना सहायता दिए वापस लौटना पड़ा।
MSF (Doctors Without Borders) को सेवाएं रोकनी पड़ीं
इन हमलों के बाद यूरोपीय ग़ज़ा अस्पताल में काम कर रही अंतरराष्ट्रीय मेडिकल संस्था ‘MSF’ को अपनी बाह्य चिकित्सा सेवाएं बंद करनी पड़ीं और कर्मचारियों की संख्या घटानी पड़ी।
ग़ज़ा में मौतों का आंकड़ा भयावह
ग़ज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सिर्फ 7 से 14 मई के बीच 275 फिलिस्तीनी मारे गए और 949 घायल हुए। जबकि 7 अक्टूबर 2023 से लेकर 14 मई 2025 तक कुल 52,928 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और 1,19,846 घायल हुए हैं। 18 मार्च 2025 के बाद से दोबारा शुरू हुई हिंसा में अब तक 2,799 लोगों की जान जा चुकी है और 7,805 घायल हैं।
स्वास्थ्य सेवाएं संकट में
WHO के मुताबिक़, 7 अक्टूबर 2023 से 7 मई 2025 तक ग़ज़ा में 686 स्वास्थ्य संस्थानों पर हमले हुए, जिनमें 122 अस्पताल और 180 एम्बुलेंस प्रभावित हुईं। हालिया हमलों में तुर्क-फिलिस्तीन दोस्ती अस्पताल पूरी तरह तबाह हुआ नासिर अस्पताल की सर्जिकल यूनिट क्षतिग्रस्त हुई। अल-दुर्राह अस्पताल की ICU और सोलर पैनल नष्ट हो चुके हैं, जिससे अस्पताल बंद है। अल-अहली अरब अस्पताल का आपातकालीन भवन और अन्य सुविधाएं नष्ट कर दी गईं। इसके अलावा, WHO के मुताबिक कम से कम 38 स्वास्थ्य सेवा केंद्र ऐसे इलाकों में हैं जिन्हें खाली करने के आदेश दिए गए हैं। 110 और केंद्र ऐसे हैं जो बमबारी की रेंज में हैं। रफ़ा में अब कोई अस्पताल चालू नहीं है — वहां सिर्फ ICRC, UAE फील्ड अस्पताल और दो मेडिकल पॉइंट सीमित सेवाएं दे रहे हैं, वो भी सुरक्षा जोखिम के तहत।