पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के उत्तर वजीरिस्तान जिले में शनिवार को एक बड़ा आत्मघाती हमला हुआ। इस हमले में 13 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई, जबकि 10 से ज्यादा सैनिक घायल बताए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, हमलावर ने विस्फोटकों से भरी गाड़ी को सेना के काफिले में घुसाकर ब्लास्ट किया।
धमाका इतना जोरदार था कि आसपास के दो घरों की छतें भी गिर गईं और 6 बच्चे घायल हो गए। पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि इस धमाके में करीब दो दर्जन लोग घायल हुए हैं।
फिलहाल किसी भी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन माना जा रहा है कि इसके पीछे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का हाथ हो सकता है। उत्तर वजीरिस्तान पहले से ही आतंकवाद से प्रभावित इलाका माना जाता है, जहां आए दिन आतंकी घटनाएं होती रहती हैं।
ब्लास्ट के बाद पूरे इलाके में डर का माहौल है। कई घरों को नुकसान पहुंचा है और हमले वाली जगह को सुरक्षाबलों ने सील कर दिया है।
खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में पिछले कुछ महीनों में आतंकवादी हमलों में तेजी आई है। मार्च 2025 में दक्षिण वजीरिस्तान में भी इसी तरह का आत्मघाती हमला हुआ था। दिसंबर 2024 में अफगान सीमा के पास 16 सैनिक मारे गए थे, जिसकी जिम्मेदारी टीटीपी ने ली थी। जनवरी में बलूच लिबरेशन आर्मी ने केच इलाके में 94 सैनिकों को मारने का दावा किया था। जून 2025 में ग्वादर में भी 16 सैनिकों की मौत की खबर सामने आई थी।
इन सिलसिलेवार हमलों ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान के इन इलाकों में आतंकवाद की बढ़ती घटनाएं पूरे क्षेत्र की स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बन गई हैं।