एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2010 से 2020 के बीच दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला धर्म इस्लाम रहा है। वहीं, ईसाई धर्म की रफ्तार पहले के मुकाबले धीमी हो गई है। ये रिपोर्ट अमेरिका के प्यू रिसर्च सेंटर ने जारी की है, जिसमें 117 देशों के 2,700 से ज़्यादा सर्वे और जनगणनाओं के आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया है।
ईसाई अब भी सबसे बड़ा धर्म, लेकिन घटा हिस्सेदारी में
रिपोर्ट में बताया गया कि ईसाई धर्म के मानने वालों की संख्या भले ही बढ़ी हो, लेकिन उनकी आबादी का वैश्विक प्रतिशत घटा है।
- 2010 में ईसाई दुनियाभर की 30.6% आबादी थे,
- अब ये घटकर 28.8% रह गया है।
प्यू ने कहा, “ईसाई धर्म के अनुयायियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन ये बढ़ोतरी दुनिया की कुल आबादी के बढ़ने की रफ्तार से कम है।”
मुस्लिम आबादी में जबरदस्त इजाफा
इसी समय मुस्लिम आबादी में 347 मिलियन (34.7 करोड़) की बढ़ोतरी हुई, जो कि बाकी सभी धार्मिक समूहों से ज़्यादा है। अब मुस्लिम दुनिया की 25.6% आबादी हैं।
इसके पीछे दो बड़े कारण हैं:
- उच्च जन्म दर, खासतौर पर मध्य-पूर्व और अफ्रीका में
- मुस्लिम आबादी की कम उम्र, यानी ज़्यादा जन्म और कम मृत्यु
धर्म परिवर्तन में भी अंतर
रिपोर्ट के मुताबिक, मुसलमान और हिंदू आमतौर पर अपना धर्म नहीं बदलते। वहीं, ईसाई धर्म से बड़ी संख्या में लोग बाहर हो रहे हैं, खासकर पश्चिमी देशों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया में।
अफ्रीका में बढ़े ईसाई, लेकिन यूरोप में गिरावट
दुनिया में अब सबसे ज़्यादा ईसाई सब-सहारा अफ्रीका में हैं 30.7%।
पहले सबसे ज़्यादा ईसाई यूरोप में थे, लेकिन अब वहां कम हो गए हैं।
बिना धर्म वालों की संख्या भी बढ़ी
एक और चौंकाने वाला तथ्य ये है कि अब ज्यादा लोग खुद को किसी भी धर्म से नहीं जोड़ते।
- इन लोगों को “नन्स (Nones)” कहा जाता है।
- इनकी संख्या 10 साल में 270 मिलियन बढ़ी।
- अब ये 24.2% यानी हर चार में से एक इंसान के बराबर हैं।
चीन के बाद अब अमेरिका दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी बिना धर्म वाली आबादी वाला देश बन गया है। इसने जापान को भी पीछे छोड़ दिया है।
बौद्ध धर्म की गिरावट
बौद्ध धर्म ही एक ऐसा बड़ा धर्म है जिसकी संख्या में गिरावट आई है।
- 19 मिलियन (1.9 करोड़) कम हुए
- अब ये दुनिया की सिर्फ 4.1% आबादी हैं।
कुल मिलाकर क्या कहती है रिपोर्ट?
- दुनिया की 76% आबादी अभी भी किसी न किसी धर्म को मानती है,
- लेकिन यह संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है।
प्यू रिसर्च का कहना है कि धर्म की बढ़ती या घटती संख्या को समझने के लिए जनसांख्यिकी कारण… जैसे जन्म दर, मृत्यु दर और उम्र बेहद अहम हैं।